नई शिक्षा क्रांति में छात्रों के लिए मील का पत्थर साबित होगा यह डिग्री कॉलेज-एमएम त्रिपाठी
मेट्रो का सपना अब ये हमारा डिग्री कॉलेज पूरा करेगा-विजय मेरॉल
भिलाई। छत्तीसगढ़ अंचल के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थाओं के रूप में विख्यात केपीएस ग्रुप ने अपने शुरूआती दौर की इस एजुकेशन हब में कृष्णा कोचिंग से शुरूआत की थी, उसके बाद केपीएस स्कूल, कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज के बाद अब जुनवानी खम्हरिया में स्थित कृष्णा इंजीनियरिंग कैम्पस में अपने नये कृष्णा इंस्टीटयूट ऑफ सांईस एंड कॉमर्स डिग्री कॉलेज की शुरूआत करने जा रहा है जो कि नई शिक्षा क्रांति में छात्र-छात्राओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यहां कॉलेज शिक्षा के साथ बच्चों की जिंदगी को संवारने और बच्चों के भविष्य को गढऩे का काम भी करेगी। आज आयोजित पत्रवार्ता में मैनेजिंग डायरेक्टर विजय मेरॉल, डायरेक्टर डॉ. वाई आर कटरे, चेयरमेन कृष्णा एजूकेशन सोसायटी एम. एम. त्रिपाठी व चेयरमेन कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज व कृष्ण इंस्टीटयूट ऑफ साइंस कामर्स डिग्री कॉलेज के आनंद कुमार त्रिपाठी, पीके त्रिपाठी सेके्रटरी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि केपीएस ग्रुप ने कृष्णा इंस्टीटयूट ऑफ सांईस एंड कामर्स के नाम से डिग्री कॉलेज की शुरूआत की है, जहां पर बीकाम के अलावा बीएससी बॉयो, बीएससी मैथ्स में प्रवेश शुरू हो गया है जहां उच्च स्तरीय महाविद्यालयीन शिक्षा यहां दी जायेगी। पहले लोगों को मैट्रों सिटी की तरफ रूख अपनाना पड़ता था, लेकिन अब उस कमी को हमारा कॉलेज पूरा करेगा। बच्चों को डिग्री ही नही रोजगार भी सुनिश्चित हो इसके लिए ये बहुत मददगार साबित होगा। केपीएस ग्रुप ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही सराहनीय कार्य किये है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी लगातार उन्नति के पथ पर अग्रसर रहा है। हमारे इस डिग्री कॉलेज में हाईटेक इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ आधुनिक सुविधाओं जिसमें कोरोना लॉकडाउन की स्थितियों और परिस्थितियों को देखते हुए नये नये प्रयोग लगातार जारी है। शिक्षा से संबंधित सभी जरूरी सुविधाएं हमारे यहां उपलब्ध है। सर्वसुविधायुक्त गणित और बॉयो तथा कम्प्यूटर लैब उपलब्ध है। जहां बच्चे कोर्स की पढाई के साथ साथ प्रेक्टिकल भी कर सकते हैं। उन्हें नया प्रयोग करने सेल्फ डेवलपमेंट का अवसर मिलेगा। डिग्री कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए हाईटेक लायब्रेरी बनाई गई है, जहां हजारों पुस्तके उपलब्ध है, जिसमें कोर्स के अलावा व्यक्तित्व विकास की पुस्तके उपलब्ध है। हमारा डिग्री कॉलेज हेमचंद विश्वविद्यालय से संबद्ध है। एडमिशन की प्रथम सूची जारी कर दी गई है। वही ंदूसरी सूची जल्द जारी की जायेगी। कॉलेज मे ंसीमित सीटें हैं। ऐसे में छात्र-छात्राएं अपना आवेदन कर जल्द से जल्द प्रवेश लें। डिग्री कॉलेज इस अंचल के लिए बड़ी सौगात है। छत्तीसगढ के पालक अपने बच्चों को बाहर भेजते हैं। कोरोना कॉल में कोई अपने बच्चों को बाहर नही भेजना चाहता है, इस वजह से हमारे डिग्री कॉलेज ने पालकों को बड़ी राहत दी है। बच्चे अपनी सुविधा के हिसाब से एडमिशन ले सकते हैं, अब उन्हें पढाई के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नही है।
एम एम त्रिपाठी ने आगे बताया कि यहां पर अनुभवी बीएसपी में अपनी 40 सालों तक सेवा देने वाले जनसंपर्क प्रमुख विजय मेरॉल डायरेक्टर की भूमिका में है। इस दौरान श्री मेरॉल ने कहा कि मैं यहां कोई जॉब नही कर रहा हूं। आनंद त्रिपाठी मेरे बड़े भाई है। कोरोना काल में मैंने अपने दो भाईयों को खोया है। इस डिग्री कॉलेज को मैं एक मिशन के रूप में देखता हंू, मैँ यहां एक मिशन के रूप में कार्य करूंगा नौकरी के रूप में नही। मेट्रो का सपना अब ये हमारा डिग्री कॉलेज पूरा करेगा। बच्चों को रेडी टू रेाजगार पर हम फोकस देकर काम करेंगे। चेयरमेन एम एम त्रिपाठी ने कहा कि हमारी संस्था में विजय मेरॉल व डॉ. वाई आर कटरे जैसे शिक्षाविद इस शिक्षा जगत और कार्यजगत में जुड़कर समाज और बच्चों को कुशल मार्ग दर्शन देंगे। मेरा स्वयं का शिक्षा जगत में 55 वर्ष का अनुभव है। वर्तमान में जो शिक्षा जो दे रहे है, उसमें भारी पेंच है। बच्चों के हित को देखते हुए शिक्षा का स्वरूप सही होना चाहिए जिससे पूरा समाज को लाभ मिले। रसायन शास्त्री श्री कटरे जो कल्याण कॉलेज से सेवानिवृत्त हुए है वह भी डिग्री कॉलेज में डायरेक्टर के रूप में सेवा दे रहे है। उनके अनुभव का पूरा लाभ यहां शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को मिलेगा।
अंत में चेयरमेन आनंद कुमार त्रिपाठी ने कहा कि मीडिया बडी ताकत है। हम अच्छा कर रहे हैं या गलत कर रहे है, इसकी जानकारी मीडिया ही समाज को बताती है। कृष्णा कोचिंग, केपीएस स्कूल के अलावा पिछले चार वर्षो में कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय लेबल पर पहला पॉजिशन पा कर हमारे कॉलेज को गौरवान्वित किया है। हमारे यहां के छात्र सौ प्रतिशत जॉब प्राप्त किये हैं। डिगी कॉलेज हमने शुरू किया है इसका लाभ अंचल के लोग ले।