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प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लोन के लिए मिले 2668 आवेदन : 47 प्रतिशत प्रकरण स्वीकृत

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वैश्विक महामारी के प्रतिकूल दौर में भी बैंकर्स ने किया जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन

धमतरी, 17 सितंबर 2021वैश्विक महामारी कोविड-19 के आपातकालीन दौर में आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके स्ट्रीट वेंडर्स की सहायता के लिए केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना लागू की गई है। उक्त योजना के तहत जिले में स्ट्रीट वेंडर्स स्टार्ट-अप के लिए दो हजार 668 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से एक हजार 255 आवेदकों को लोन स्वीकृत किया गया है जो कि कुल प्राप्त आवेदन का 47.03 प्रतिशत है। लीड बैंक मैनेजर श्री प्रबीर कुमार रॉय ने बताया कि योजना के तहत कोविड-19 के प्रतिकूल दौर में आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो चुके स्ट्रीट वेंडर्स को अपना कारोबार शुरू करने के लिए उक्त योजनांतर्गत बैंक द्वारा ऋण प्रदाय किया जाता है। इसके तहत ठेले, गुमटी, फुटपाथ पर अथवा घूम-घूमकर व्यवसाय करने वालों को 10 हजार रूपए तक का लोन दिया जाता है। उन्होंने बताया कि यदि ऋण पर ली गई रकम का भुगतान वंेडर्स एक साल के भीतर कर देता है, तो उसे 20 हजार तक के अग्रिम लोन की पात्रता मिल जाती है। साथ ही यह भी बताया कि लोन के सात प्रतिशत तक की ब्याज दर लोनधारक को करना पड़ता है, जबकि उसके बाद की अंतर राशि का भुगतान केन्द्र शासन द्वारा किया जाता है। लीड बैंक मैनेजर ने बताया कि उक्त योजना का लाभ उन लोगों को नहीं मिल पाया जिन्होंने या तो पूर्व में लोन लेकर उसका भुगतान नहीं किया, या फिर बाद में लोन लेने में रूचि नहीं दिखाई। इस वजह से जिले के सिर्फ 47 प्रतिशत आवेदकों को ही इसके तहत लाभ मिल पाया। श्री रॉय ने यह भी बताया कि शेष बचे हुए आवेदनों को स्वीकृत करने के लिए नगरीय निकाय के लाभार्थियों से संबंधित बैंकर्स के द्वारा लगातार सम्पर्क किया जा रहा है और नियमानुसार ऋण प्रकरणों को स्वीकृत करने बैंक प्रयास कर रहे हैं, जिसका फॉलोअप लीड बैंक द्वारा प्रतिदिन लिया जाता है। लीड बैंक मैनेजर ने जानकारी देते हुए बताया कि लोगों में उक्त योजना को लेकर जागरूकता लाने के लिए बड़ौदा आरसेटी के माध्यम से विभिन्न शाखाओं के शाखा प्रबंधक द्वारा ‘मैं डिजिटल हूं‘ का पांच दिवसीय प्रशिक्षण नगर निगम सभाकक्ष में निःशुल्क मुहैया कराया गया ताकि योजना का लाभ लेने अधिकाधिक लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के विपरीत दौर में भी बैंकर्स अपने दायित्वों का यथासंभव निर्वहन किया। संक्रमण काल में जहां लगभग सभी शासकीय कार्यालय बंद थे, उस समय भी बैंकों को खुला रखकर बैंकर्स ने अपनी सकारात्मक भूमिका निभाई।