कोविड 19 संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम के मद्देनजर
धमतरी 06 अक्टूबर 2021नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम तथा आने वाले समय में धनात्मक प्रकरणों की वृद्धि की संभावना के मद्देनजर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री पी.एस.एल्मा ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आगामी नवरात्र पर्व को ध्यान में रख जारी दिशा- निर्देशानुसार मूर्ति की ऊंचाई आठ फीट होगी, किन्तु पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से निर्मित मूर्ति बिक्री एवं स्थापित करना प्रतिबंधित होगा। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15×15 फीट से अधिक नहीं हो, पंडाल के सामने कम से कम 500 वर्गफीट की खुली जगह हो। पंडाल एवं सामने 500 वर्गफीट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि मंदिर प्रांगण के भीतर नियत स्थान पर सभी ज्योति का प्रज्वलन किया जाएगा, इस स्थान पर अग्निशमन सुरक्षा के सभी उपाय करना अनिवार्य होगा। जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए ज्योति दर्शन किया जाए। ज्योति प्रज्जवलन की जिम्मेदारी केवल मंदिर प्रबंधन समिति की होगी। मंडप/पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए अलग से पंडाल नहीं हो तथा दर्शक एवं आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगाई जाएं। मंडप और सामने मिलाकर किसी एक समय में डेढ़ सौ से ज्यादा व्यक्ति नहीं हो, मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाए, यह सुनिश्चित किया जाए। ऐसा पाए जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। कहा गया है कि मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेंगे, जिसमें दर्शन के लिए आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जाए, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकेगा। मूर्ति स्थापित करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाइजर, थर्मल स्क्रिनिंग, ऑक्सीमीटर, हैण्डवॉश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाए। थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाए जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य अथवा विशेष लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी। इसी तरह व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की अलग से व्यवस्था बांस-बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है, तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के बाद किसी भी तरह के भोज, भंडारा करने की अनुमति नहीं होगी। ध्वनि विस्तारक यंत्र जैसे-धुमाल/ब्रॉस बैंड तथा अन्य वाद्य यंत्र जिनका पीएमओ 200 वॉट से अधिक ना हो, के बजाने की अनुमति स्थापित पण्डाल अथवा नियत स्थल के 100 मीटर के परिधि के अंतर्गत होगी। विसर्जन के साथ-साथ अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत अथवा कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी एवं मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटा एस(छोटा हाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अलावा साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए अधिकतम दस व्यक्ति की ही अनुमति होगी एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के मार्ग में कही भी स्वागत, भण्डारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति एवं पूजन सामग्रियों का विसर्जन जिले के निर्धारित विसर्जन स्थल में ही किया जाएगा। विसर्जन के लिए नगरीय निकाय द्वारा निर्धारित रूट मार्ग एवं तिथि और समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के बाद एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी। उक्त शर्तों सहित किसी परिसर के अंदर अथवा सार्वजनिक स्थान पर मूर्ति स्थापित की जाती है, तो संबंधित नगरीय निकाय के कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र आवेदन के साथ देना होगा और अनुमति मिलने के बाद ही मूर्ति स्थापित की जा सकेगी। बताया गया है कि यह अनुमति किसी भी ऐसे स्थान पर नहीं दी जाएगी, जिससे सार्वजनिक निस्तार अथवा यातायात बाधित होने की संभावना हो। इन सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग तथा जिला प्रशासन धमतरी द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। यह निर्देश तत्काल प्रभावशील हो गया तथा निर्देश के उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।