रायपुर .अपनी छोटी सी उम्र में बस्तर के अबूझमाड़ के जंगलों में एक शेर शावक की जान बचाकर उसे अपने साथ रख उसकी देखभाल करने वाले ‘मुरिया’ जनजाति समुदाय के 10 वर्षीय चेन्दरू मंडावी को उनकी इसी बहादुरी ने 60 के दशक में यूरोप का सेलुलॉइड स्टार बना दिया था। चेन्दरू की दिलेरी ने स्वीडिश निर्देशक अर्ने सुक्सडॉर्फ को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने चेन्दरू को मुख्य भूमिका में रखकर उसकी ही कहानी को ‘जंगल सागा’ के रूप में पर्दे पर इतनी खूबसूरती से उतारा कि फिल्म को ऑस्कर अवार्ड से नवाजा गया और महज 10 साल की उम्र में चेन्दरू मंडावी को यूरोप का सबसे बड़ा सेलुलॉइड सितारा बना दिया।