रायपुर, 03 दिसम्बर | अमीर धरती के गरीब लोगों के कल्याण की परिकल्पना करने वाले संवेदनशील लोकप्रिय मंत्री भूपेश बघेल जी ने छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकाश के लिए ऐसे कई लोककल्याणकारी योजनाओ का शुभारम्भ करके निचे के पायदान पर गुजर बसर करने वाले नर और नारायण की सेवा की है.
बीते 3 साल में लिए गए क्रांतिकारी फैसले: किसान हुए खुशहाल
छत्तीसगढ़ की मौसम और जलवायु के साथ-साथ लगभग 80 प्रतिशत लोगों की खेती-किसानी पर निर्भरता को देखते हुए नई सरकार ने खेती-किसानी को लाभकारी बनाने का निर्णय लिया। खेती-किसानी में आधुनिक तौर-तरीके के इस्तेमाल और किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी देने का फैसला क्रांतिकारी सिद्ध हुआ। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में इन 36 माह में समर्थन मूल्य में धान खरीदी का साल दर साल नए कीर्तिमान बनते गए।
भूपेश बघेल के नेतृत्व में किसान हितैषी फैसले से उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में किसान हितैषी फैसलों और निर्णयों से महज 36 माह में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।छत्तीसगढ़ में किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर खेती-किसानी करने के लिए सहकारी समिति से ऋण और समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ-साथ इनपुट सब्सिडी दिया गया। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में रिकॉर्ड 92 लाख मीटरिक टन धान खरीदी की गई। जिससे किसानों में खुशहाली देखने को मिला। ऐसे किसान जो खेती किसानी की उम्मीद छोड़ चुके थे। उनमे नई उम्मीदें जगी और वे दोबारा खेती की ओर अग्रसर होने लगे हैं।
बढ़ा खेती-किसानी का रकबा, बढ़ी आमदनी
राज्य में कुल कृषि का रकबा बढ़कर 29.85 लाख हेक्टेयर हो गया है। किसानों की माली हालत में भी काफी सुधार हुआ है। राज्य के किसान अब बेहतर ढंग से खेती-किसानी करने लगे हैं इसकी बानगी चालू खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान बेचने के लिए किसानों के पंजीकरण से देखा जा सकता है। इस वर्ष राज्य में 24 लाख 9 हजार 453 किसानों ने पंजीयन कराया है।
छत्तीसगढ़ के इतिहास में चालू खरीफ सीजन में 105 लाख मीटरिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी का अनुमान है। राज्य सरकार के द्वारा किसानों से न केवल खरीदी की सुनिश्चित व्यवस्था की है, बल्कि उन्हें तत्काल भुगतान की व्यवस्था भी की गई है। किसानों को उनके बैंक खातों के जरिये ऑनलाईन भुगतान किया जा रहा है। धान खरीदी को लेकर किसी भी किसान को दिक्कत न हो इसके लिए सभी कलेक्टरों को निदेश दिए गए हैं।
धान खरीदी का साल दर साल बन रहा नया कीर्तिमान
चालू खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के तहत समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की नकद एवं लिंकिंग के माध्यम सें खरीदी एक दिसम्बर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक तथा मक्का की खरीदी एक दिसम्बर 2021 से 28 फरवरी 2022 तक की जाएगी। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए औसत अच्छी किस्म के धान के लिए समर्थन मूल्य की दर, धान कॉमन 1940 रूपए प्रति क्विंटल, धान ग्रेड ए 1960 रूपए प्रति क्विंटल तथा औसत अच्छी किस्म के मक्का का समर्थन मूल्य 1870 रूपए प्रति क्विंटल का दर निर्धारित है।
राज्य सरकार द्वारा खेती-किसानी को लगातार बढ़ावा दिए जाने के फलस्वरूप इस वर्ष खरीफ सीजन में करीब 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में विभिन्न् फसलों की बोनी हुई है। इनमें धान के अलावा दलहन, तिलहन, मक्का, सोयाबीन की फसल शामिल है। राज्य में 3.42 लाख हेक्टेयर में दलहन, 2 लाख हेक्टेयर में तिलहन, 1.50 लाख हेक्टेयर में साग-सब्जियों की खेती की गई है।
सरकार की किसान हितैषी नीतियां
भूपेश सरकार के नेतृत्व में किसानों के हित में फैसला लेते हुए किसानों के अल्पकालीन कृषि ऋण लगभग 10 हजार करोड़ रूपए माफ किया गया, वहीं किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कर अंतर की राशि सब्सिडी अनुदान राजीव गांधी न्याय योजना के माध्यम से देकर सीधे किसानों के जेब में पैसे डालने का काम किया। यही कारण है कि देश और दुनिया में आर्थिक मंदी होने के बावजूद भी छत्तीसगढ़ में इसका प्रभाव नहीं पड़ा।
सरकार की किसान हितैषी नीतियों से इन तीन सालों में छत्तीसगढ़ राज्य में खेती-किसानी खूब फली-फूली और समृद्ध हुई है। पहले साल लगभग 83 लाख मीटरिक टन धान खरीदी की गई इसी प्रकार दूसरे साल रिकॉर्ड 92 लाख मीटरिक टन धान खरीदी हुई। इस वर्ष 105 लाख मीटरिक टन धान खरीदी की उम्मीद है। सरकार की इन नीतिगत फैसलों और कार्यों से समाज के सभी वर्गो का न्याय के साथ निरंतर विकास हो रहा है। गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारी इन सभी वर्गो के हित में किए जा रहे कार्यों से नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का सपना साकार हो रहा है।