रायपुर, 03 दिसम्बर | छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर मानवीय पहल का आगाज करते हुए दिव्यांग भाई बहनो को आत्म निर्भर बनाने कि दिशा में उन्होंने आम जनता से मानवीय अपील कि है कि वे आगे बढ़कर इन्हें अपने-अपने संस्थानों में रोजगार दें। ताकि ये अपने बल-बुते पर खड़े होकर छत्तीसगढ़ कि विकास कि गाथा रच सके। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारीयों को भी दिशा निर्देश देते हुए कहा कि इन्हे हर तरह से सुरक्षा दिया जाए। इनके उपयुक्त इनको काम दिया जाए। जिससे इनका मनोबल बनी रहे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 3 दिसम्बर अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर दिव्यांगजनों को सुखद भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए सभी लोगों से दिव्यांग भाई-बहनों को आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक वातावरण बनाने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि दिव्यांग दिवस का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समाज में समानता का वातावरण निर्मित करने के साथ ही उनके लिए तरक्की और विकास के रास्ते सुनिश्चित करना है। शारीरिक अक्षमता के कारण कई बार दिव्यांगों को भेदभाव और उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है। इसे दूर करने के लिए समाज में जागरूकता की जरूरत है। भावी पीढ़ी को दिव्यांगता से बचाने के लिए हमें उनके पोषण और स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक होने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि दिव्यांग भाई-बहनों के जीवन में सुविधा और सकारात्मक बदलाव के लिए हर प्रयास करने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है। यह गर्व और खुशी का विषय है कि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर इस वर्ष दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए छत्तीसगढ़ को तीन श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार मिल रहा है। उन्होंने सामाजिक संगठनों और समाज से दिव्यांगजन के लिए सक्रिय भागीदारी के साथ कानूनी, सामाजिक, आर्थिक और अन्य बाधाओं को दूर का आग्रह करते हुए कहा कि दिव्यांग दिवस की सार्थकता तभी होगी जब समाज में दिव्यांग अन्य नागरिकों के समान ही आर्थिक और सामाजिक परिस्थिति पा सकेंगे।