रायपुर, 4 नवम्बर | (Residence allotment of police personnel) मुख़्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस जवानों का शासकीय आवास आवंटन के काम की जवाबदारी पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा को दिए हैं। की वे इस काम को पूरी पारदर्शिता पर गंभीरता पूर्वक करायें। इसके अलावा भी उन्होंने यह काम डीजीपी सहित पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षकों को भी काम को गंभीरता पूर्वक करने के निर्देश दिए है। भूपेश बघेल ने कहा की जनताओं कि सेवा के लिए 24सो घंटे पुलिस के जवान तैनात में रहते है। अतः उनकी समस्याओं का निराकरण सबसे पहले किया जाना चाहिए। क्योंकि सबसे पहले उनका सुरक्षित होना जरुरी है। वो सुरक्षित होंगे तभी हम सुरक्षित रहेंगे। इससे जवानों के भावनाओं को भी ठेश नहीं पहुंचेगा। और उनका मनोबल बना रहेगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि डीजीपी स्वयं आवास संबंधी मामलों की समीक्षा करें और प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करें । प्रत्येक जिले में एसपी भी अपने जिलाबल के जवानों को आवास आवंटन के मामलों का प्राथमिकता से निराकरण करें और इसकी सतत समीक्षा करें।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पुलिस जवानों की समस्याओं के निराकरण के लिए शुरू से ही बेहद संवेदनशील हैं। अपराधों पर रोक लगाने के उद्देश्य से पुलिस जवानों की ड्यूटी बेहद अनुशासन और तनावपूर्ण रहती है। पुलिस जवानों का मानसिक तनाव कम हो और वे नवीन ऊर्जा के साथ कार्य कर सकें इसके लिये राज्य शासन द्वारा कई सालों से पुलिसकर्मियों की साप्ताहिक अवकाश की मांग को पूरा किया गया है। इस क्रम में विगत तीन वर्षों में पुलिसकर्मियों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनायें शुरू की गई हैं। पुलिस परिवार के करीब 72 हजार जवानों एवं उनके परिजनों के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम प्रारंभ किये गये हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल हिंसा में शहीदों और उनके परिजनों के प्रति पूरी संवेदनशील है। शासन द्वारा नक्सल हिंसा में शहीद जवानों के आश्रित परिजनों को दी जाने वाली एक्सग्रेसिया राशि 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रूपये कर दी गयी है।
मुख्यमंत्री बघेल के निर्देश पर पुलिस जवानों के शहीद एवं सामान्य मृत्यु के प्रकरणों को बेहद ही संवेदनशीलता के साथ निराकृत कर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही हैं। इसके साथ ही पुलिस बल, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में तैनात पुलिस जवानों का तनाव कम करने सभी जिलों में रोस्टर बनाकर योगा शिक्षकों की सहायता से योगा क्लासेस भी शुरू की गयी है। खेल गतिविधियों से जोड़कर जवानों का तनाव दूर करने का भी प्रयास किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ पुलिस के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा सम्मान निधि के रूप में 1 लाख रूपये दिये जाते थे। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 2 लाख रूपये कर दिया गया है।