उत्तर प्रदेश, 16 दिसंबर | Ganga Expressway Pariyojna : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 18 दिसंबर को शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इस दौरान वह रेलवे ग्राउंड पर जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 36,230 करोड़ रुपये की लागत से 594 किलोमीटर लंबे (Ganga Expressway Pariyojna) गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की स्वीकृति पिछले साल 26 नवंबर को दी थी। उत्तर प्रदेश के मेरठ से शुरू होने वाला गंगा एक्सप्रेस-वे देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा।
इस एक्सप्रेस-वे पर भी वायुसेना के विमानों के आपातकालीन टेक-ऑफ और लैंडिंग में सहायता के लिए साढ़े तीन किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी शाहजहांपुर जिले में बनाई बनाई जाएगी।
गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में मील का पत्थर साबित होने वाला है। पूर्वी उत्तर प्रदेश से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक सूत्र में पिरोने वाला गंगा एक्सप्रेस-वे सीधे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से जुड़ेगा।
जानकारी की बात यह है कि (Ganga Expressway Pariyojna) गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जब भूमि खरीदी जा रही थी, उस समय पूरे देश में कोरोना की लहर ने कोहराम मचाया हुआ था। इसके बावजूद भी एक साल में गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 83 हजार किसानों से 94 प्रतिशत भूमि खरीदी गई है।
परियोजना के लिए करीब 7386 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें पिछले चार माह में 71,621 किसानों से भूमि खरीदी गई थी । अब तक कुल 82,750 किसानों से भूमि खरीदी गई है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए एक्सप्रेस वे के किनारे करीब 18,55,000 पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही परियोजना में अधिग्रहित भूमि पर सोलर पावर के माध्यम से ऊर्जा का उत्पादन भी किया जायेगा। जिससे परियोजना के संचालन के लिए आवश्यक ऊर्जा की प्राप्ति होगी।