रायपुर, 23 दिसंबर | Charchit Rayfal : AK-47 रायफल को 20वीं सदी का सबसे खतरनाक हथियार माना गया है। दुनिया में सबसे ज्यादा इसी रायफल का इस्तेमाल किया जाता है। AK-47 में A का मतलब है एवटोमेट यानी मशीन और K का अर्थ है कलाश्निकोवा.
इस खतरनाक हथियार का नाम इस हथियार को तैयार करने वाले मिखाइल कलाश्निकोव के नाम पर रखा गया था। मिखाइल का जन्म 1919 में सोवियत संघ के कुर्या में हुआ था। इन्हें दो चीजों से सबसे ज्यादा प्यार था, पहला- मशीनें और दूसरा- कविताएं.
मशीनों से लगाव के कारण मिखायल सेना में बतौर टैंक मैकेनिक भर्ती हुए। मात्र 19 साल की उम्र में वे रूसी सेना से जुड़ गए । दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1941 में जब हिटलर ने सोवियत संघ पर हमला किया तो 88 लाख से अधिक सैनिकों की मौत हुई थी।
इसी हमले में मिखाइल के टैंक में भी आग लग गई थी और बुरी तरह घायल हो गए थे।युद्ध में घायल होने के बाद रिकवरी शुरू हुई। इसी रिकवरी के दौरान ही मिखाइल ने हथियार बनाना शुरू किया।
1947 में मिखाइल ने मात्र 28 साल के उम्र में ही AK-47 को तैयार किया। (Charchit Rayfal) AK-47 का निर्माण 1947 में हुआ था, इसलिए इसके नाम में AK के साथ 47 जोड़ दिया गया। इस तरह यह AK-47तैयार हो गया।
मिखाइल की इस (Charchit Rayfal) रायफल की चर्चा दुनियाभर में होने लगी। और फिर इसे दुनिया का खतरनाक हथियार घोषित कर दिया गया। इस रायफल को एक खासियत से समझा जा सकता है कि यह कितनी असरदार है। फुल ऑटोमेटिक सेटिंग पर इस रायफल से एक मिनट में 600 राउंड फायर किए जा सकते हैं।
इस हथियार के बारे में जब मिखाइल से सवाल पूछा गया कि आपके बनाए हथियार से हजारों लोगों की जान जाती है, ये सोचकर आपको नींद कैसे आती है तो उन्होंने जवाब दिया, ‘मैं बहुत अच्छे से सोता हूं, धन्यवाद’।
मिखाइल ने पुरे जीवनभर कविताएं लिखीं हैं। उन्होंने इतनी कविताएं लिखीं कि उन्हें 6 किताबों में सहेजा गया है। हालांकि इन्हें AK-47 के लिए ही जाना गया।
उम्र के अंतिम पड़ाव पर मिखाइल ने कहा था, उन्हें दोबारा कुछ बनाने का मौका मिला तो वो ऐसी चीज बनाएंगे जो AK-47 से कम खतरनाक हो। जैसे- किसानों के लिए खास घास काटने की मशीन।
23 दिसम्बर को मिखाइल कलाश्निकोव की पुण्यतिथि मनाई जाती है। इनका निधन 2013 में हुआ था।