mukhyamantree suposhan abhiyaan ज़िले में आगामी 10 जनवरी से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का तीसरा चरण शुरू होगा। इस चरण में ज़िले के विभिन्न ब्लॉक के ऐसे 364 आंगनबाड़ी केंद्र, जहां छः माह से छः साल तक की आयु के बच्चों में कुपोषण का दर 13 प्रतिशत से अधिक है, उन केंद्रों को चयनित किया गया है। यहां आंगनबाड़ियों में तीन से छह साल की आयु के बच्चों, 1659 गर्भवती महिलाओं को दिए जा रहे गरम पका पौष्टिक भोजन में अब अंडा या सोयाबीन की बड़ी दी जाएगी। इसके अलावा छः माह से तीन साल के 1577 कुपोषित बच्चे और 1224 शिशुवती माताओं को भी गरम पका पौष्टिक भोजन दिया जाएगा और साथ में उबला अंडा अथवा सोयाबीन की बड़ी दी जाएगी। गौरतलब है कि इन 364 आंगनबाड़ियो में मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या कुल 2725 है। इनमें नगरी में 1295, कुरूद में 604, मगरलोड में 552, धमतरी ग्रामीण में 209 और धमतरी शहरी में 65 शामिल हैं।
(mukhyamantree suposhan abhiyaan) कलेक्टर एल्मा ने आज महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक लेकर पर्यवेक्षकों को इन चिन्हांकित आंगनबाड़ी केंद्रों सहित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में सतत मॉनिटरिंग करने और गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजना सुनिश्चित करने कहा। ज़िले में कुल चार पोषण पुनर्वास केंद्रों और एक लइका जतन ठऊर में कुल 45 बिस्तर हैं। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भी सभी पोषण पुनर्वास केन्द्र में शत प्रतिशत बेड ऑक्युपेंसी सुनिश्चित करने कहा। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री एम.डी.नायक ने बताया कि वजन त्यौहार जुलाई 2021 के अनुसार ज़िले में 13.31 प्रतिशत बच्चे कुपोषित पाए गए और 15 से 49 साल की उम्र की 59.60 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं। इन्हीं बच्चों और महिलाओं को कुपोषण और एनीमिया से मुक्ति दिलाने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तीसरे चरण की शुरुवात की जा रही है
बैठक के अन्त में कलेक्टर ने खाद्य, स्वास्थ्य, पंचायत और ग्रामीण विकास, आयुष, उद्यानिकी विभाग को महिला एवं बाल विकास विभाग से समन्वय स्थापित कर (mukhyamantree suposhan abhiyaan)मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को सफल बनाने पर जोर दिया है, जिससे शासन की मंशा अनुरूप बच्चों को सुपोषित किया जा सके। यह बैठक कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सुबह 11 बजे से शुरू हुआ। इस मौके पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत श्रीमती प्रियंका महोबिया, महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, आयुर्वेद, उद्यानिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।