रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को यहां अपने निवास कार्यालय में भूमकाल स्मृति दिवस पर अमर शहीद आदिवासी जननायक गुंडाधुर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी भी उपस्थित थे । मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अमर शहीद गुण्डाधुर को याद करते हुए कहा कि आजादी से पहले अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में भी विरोध का स्वर उठा। इस विरोध को बुलंद करने में आदिवासी जननायकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। इन्हीं जननायकों में से एक अमर शहीद गुुंडाधुर के नेतृत्व में सन् 1910 में बस्तर में हुए भूमकाल विद्रोह में आदिवासियों ने जल, जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ डटकर संघर्ष किया। आदिवासी चेतना के प्रतीक के रूप में शहीद गुंडाधुर जनमानस में हमेशा जीवित रहेंगे। उनका बलिदान हमेशा आदिवासियों को शोषण के विरूद्ध आवाज बुलंद करने का साहस देता रहेगा। उन्होंने कहा कि अमर शहीद गुंडाधुर ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आदिवासी जनमानस में जो अलख जगाई है, वह हमेशा जलती रहेगी। उनकी स्मृति में मनाया जाने वाला भूमकाल दिवस सदा अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सजग रहने की प्रेरणा देता रहेगा।