प्राइवेट सेक्टर के IDFC First Bank ने अपने ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है. बैंक ने 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं, जो 23 मई से ही लागू हो गई हैं.
प्राइवेट बैंक ने बताया कि 7 दिन से लेकर दो साल साल तक की सावधि जमाओं (FD) पर बैंक ने अपनी ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है. बैंक ने 7 दिन से 29 दिन तक वाली जमाओं पर ब्याज दर 1 फीसदी बढ़ाया है. पहले इस अवधि की एफडी पर 2.5 फीसदी ब्याज मिलता था और अब 3.5 फीसदी ब्याज मिलेगा. इसी तरह, 30 दिन से लेकर 90 दिन वाली एफडी पर ब्याज दरों में भी 1 फीसदी का इजाफा किया गया है और अब यह 3 फीसदी से बढ़कर 4 फीसदी हो गई है.
तीन महीने से ज्यादा की एफडी पर भी बढ़ा मुनाफा
IDFC First Bank ने तीन महीने से ज्यादा की अवधि वाली एफडी पर भी ब्याज दरों में 1 फीसदी का बड़ा इजाफा किया है. पहले जहां 91 दिन से 180 दिन वाली एफडी पर 3.50 फीसदी ब्याज मिलता था, वहीं अब यह बढ़कर 4.50 फीसदी हो गया है. यानी 23 मई के बाद इन जमाओं पर निवेशकों को 1 फीसदी ज्यादा मुनाफा होगा.
एक साल तक की एफडी पर भी ज्यादा ब्याज
बैंक ने 181 दिन से लेकर एक साल से कम अवधि वाली एफडी पर भी ब्याज दरों में 1 फीसदी का इजाफा किया है. अब इस पर 5.75 फीसदी ब्याज मिलेगा, जो पहले 4.75 फीसदी मिलता था. हालांकि, एक साल से ऊपर की एफडी पर ब्याज दरों में सिर्फ 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अब 1 से 2 साल वाली एफडी पर 5.75 फीसदी के बजाय 6 फीसदी का ब्याज मिलेगा.
इन जमाओं पर भी ब्याज दरें ज्यादा
बैंक ने 2 साल 1 दिन से लेकर 3 साल तक की एफडी पर 6 फीसदी ब्याज देने की घोषणा की है, जबकि 3 साल एक दिन से लेकर 5 साल तक की जमा पर 6.25 फीसदी ब्याज मिलेगा. इसके अलावा 5 साल एक दिन से लेकर 10 साल की लंबी अवधि वाली एफडी पर भी अब 6 फीसदी का ब्याज मिलेगा. बैंक ने 5 साल वाली टैक्स बचत की एफडी पर 6.25 फीसदी की ब्याज दर बरकरार रखी है.
इन जमाओं पर भी ब्याज दरें ज्यादा
बैंक ने 2 साल 1 दिन से लेकर 3 साल तक की एफडी पर 6 फीसदी ब्याज देने की घोषणा की है, जबकि 3 साल एक दिन से लेकर 5 साल तक की जमा पर 6.25 फीसदी ब्याज मिलेगा. इसके अलावा 5 साल एक दिन से लेकर 10 साल की लंबी अवधि वाली एफडी पर भी अब 6 फीसदी का ब्याज मिलेगा. बैंक ने 5 साल वाली टैक्स बचत की एफडी पर 6.25 फीसदी की ब्याज दर बरकरार रखी है.
इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों को भी एफडी पर तय ब्याज दरों के अलावा 0.50 फीसदी ज्यादा भुगतान किया जाएगा. हालांकि, यह सुविधा NRE अथवा NRO की एफडी पर नहीं दी जाएगी.