विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक बैठक में दुनिया भर के दिग्गजों ने मंगलवार को वैश्विक खाद्य सुरक्षा को लेकर चर्चा की. विशेषज्ञों ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से अनिश्चित सप्लाई चेन, उर्वरक की कीमतों में वृद्धि और अनाज के निर्यात अवरुद्ध होने से दुनिया भर में खाद्य असुरक्षा बढ़ गई है. इन लोगों ने वैश्विक खाद्य समस्या को जलवायु संकट के साथ-साथ हल करने का आह्वान किया है.
बैठक में दिग्गजों ने कहा कि यूक्रेन में अस्थिरता पहले से ही अनिश्चित वैश्विक खाद्य सुरक्षा परिस्थिति को और गंभीर होने की चेतावनी दे रही है. उर्वरकों की बढ़ती कीमतों और यूक्रेन से निर्यात बाधित होने से स्थिति विकट हो गयी है. क्योंकि इस संकट से अब हर रात 80 करोड़ लोगों के भूखे रहने का अनुमान है. यूक्रेन के बंदरगाहों की रूसी नाकेबंदी ने दुनिया के विभिन्न देशों का ध्यान बढ़ती खाद्य असुरक्षा की ओर खींचा है.
युद्ध ने स्थित को और जटिल किया
संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली ने कहा, ‘‘बंदरगाहों को खोलने में विफलता वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर युद्ध की घोषणा है.’’ महामारी ने अकाल और खाद्य असुरक्षा को कम करने के वैश्विक प्रयासों को
एक परिचर्चा में, विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि खाद्य असुरक्षा न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि भू-राजनीति और सुरक्षा के लिए भी एक समस्या है. सिंजेंटा ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जे एरिक फाएरवाल्ड ने कहा, ‘‘कृषि को जलवायु परिवर्तन के समाधान और खाद्य सुरक्षा के समाधान का हिस्सा होना चाहिए.’’
कम भूमि पर अधिक भोजन उगाने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य कम भूमि पर अधिक भोजन उगाना होना चाहिए. ऐसा करने के लिए, किसान जैविक और पारंपरिक खेती दोनों से सर्वोत्तम गतिविधियों को अपना सकते हैं. कुछ दिग्गजों ने कहा कि अफ्रीका वैश्विक खाद्य सुरक्षा में सुधार करने में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है, लेकिन इस महाद्वीप को कृषि उत्पादकता को खोलने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.