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पंचायतों में गोधन न्याय योजना का सक्रिय रूप से संचालन

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कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन और संचालन की विस्तार से विकासखंडवार समीक्षा की। कलेक्टर ने सभी जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वे जिम्मेदारी पूर्वक योजना का क्रियान्वयन  करें। उन्होंने कहा कि अपने-अपने जनपद के अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों में गौठान स्वीकृत कर योजना का संचालन करें। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना का बेहतर संचालन होने से ग्रामीण स्तर पर महिला समूह को स्वावलंबी बनाने की राह प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि इसके जरिए अनेक रूप में रोजगार का सृजन हो रहा है। इससे समृद्ध गांव समृद्ध महिला और समृद्ध छत्तीसगढ़ के सपने को साकार करने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि योजना का क्रियान्वयन पूर्ण पारदर्शिता के साथ संचालित करें। उन्होंने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में अब तक गौठान का निर्माण नहीं हुआ है वहां अविलंब गौठान निर्माण के लिए प्रस्ताव भेज कर स्वीकृत कराएं।  नए गौठान के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें। जहां नए गौठान बनाए जा रहे हैं उसका स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से शुभारंभ कर गोबर खरीदी से लेकर अन्य सभी गतिविधियां का संचालन करें ।
कलेक्टर ने कहा कि धरातल पर योजना का पूर्ण रूप से क्रियान्वयन स्पष्ट रूप से दिखनी चाहिए। कलेक्टर ने जनपदवार मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से ग्राम पंचायतों की संख्या, वर्तमान में से संचालित गौठानों की संख्या, गौठान विहीन ग्राम पंचायत संचालित गौठान में गोबर खरीदी के साथ ही यहां महिला समूहों के द्वारा की जा रही आजीविका गतिविधियों की विस्तार पूर्वक एक-एक कर समीक्षा की। कलेक्टर ने जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी को गौठान संचालन की गतिविधियां और नियमित मॉनिटरिंग के लिए जिला पंचायत में कंट्रोल रूम की स्थापना करने कहा। कंट्रोल रूम के माध्यम से प्रतिदिन गौठान योजना अंतर्गत की जा रही गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग हो सकेगी। कलेक्टर ने कहा कि गौठान योजना अंतर्गत सभी गौठान में बहुयामी आजीविका गतिविधियों का संचालन होनी चाहिए। उन्होंने गौठानों में सामुदायिक बाड़ी, मुर्गीपालन, बकरीपालन बतखपालन,  सब्जी उत्पादन के लिए कार्य योजना निर्धारित करने कहा। उन्होंने कहा कि महिला समूह को एक से अधिक गतिविधियों से जोड़कर नियमित आय का स्त्रोत का सृजन करें। इसके लिए महिला समूह को जरूरी और आवश्यक प्रशिक्षण देने भी कहा। कलेक्टर ने सभी गौठानों में पौधारोपण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी गौठानों में अच्छी गुणवत्ता के पौधारोपण अनिवार्य रूप से करें। पौधारोपण होने से जहां  पशुओं के लिए छाया की व्यवस्था होगी वहीं पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देने में मदद मिलेगा। इसके लिए जिले में सभी गौठानों में वृक्षारोपण करने के लिए 14 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बरसात के मद्देनजर अविलंब सभी गौठानों में वृक्षारोपण का कार्य पूर्ण कर लेने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह जिले के सभी गौठानों में नेपियर घास लगाए जाने के लक्ष्य की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक जनपद में 1 -1 लाख नेपियर लगाया जाए। उन्होंने इस कार्य को प्राथमिकता के साथ शीघ्र ही पूर्ण कर लेने कहा है।
कलेक्टर ने कहा कि सभी गौठानों में नियमित रूप से गोबर की खरीदी होनी चाहिए। इसी प्रकार गौठानों में कंपोस्ट खाद निर्माण के लिए कार्य भी नियमित रूप से जारी रखने कहा है। वर्मी कंपोस्ट खाद की बिक्री के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने और इससे इसके उपयोग से होने वाले लाभ के लिए किसानों को प्रेरित करने भी कहा है। महिला समूह के उत्पादन को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए सी-मार्ट के माध्यम से विक्रय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि महिला समूह के उत्पादन को सी-मार्ट के माध्यम से विक्रय करने से उन्हें अच्छी आमदनी कमाने का प्लेटफार्म मिलेगा। इसके लिए उन्होंने कहा कि आने वाला समय में महिला समूहों के लिए बिहान मेला का आयोजन किया जाएगा। बिहान मेला के माध्यम से महिला समूह अन्य समूहों के उत्पाद और निर्माण से रूबरू होंगे और उसके उत्पाद के अनुसार निर्माण करने की प्रेरणा भी उन्हें मिलेगी। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री गजेन्द्र सिंह ठाकुर, उप संचालक कृषि श्री जीएस धुर्वे उपस्थित थे। वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सभी जनपद पंचायतों के सीईओ जुड़े रहे।