Home छत्तीसगढ़ मेरा आंगनबाड़ी मानकर और अपना स्वामित्व लेकर काम करें-कलेक्टर श्री महोबे

मेरा आंगनबाड़ी मानकर और अपना स्वामित्व लेकर काम करें-कलेक्टर श्री महोबे

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कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने आज यहां जिला कार्यालय के सभा कक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग में संचालित साझा योजनाओं की समीक्षा की। कलेक्टर ने राज्य शासन महिला एवं बाल विकास विभाग में संचालित राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के क्रियान्वयन और उनके प्रगति की विस्तार से समीक्षा की।
कलेक्टर श्री महोबे ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग सबसे महत्वपूर्ण विभागों में एक है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से देश के भावी पीढ़ियों को तैयार किया जाता है। आंगनबाड़ी के माध्यम से शिशुवती माताओे, गर्भवती माताओं के साथ-साथ  तीन वर्ष के बच्चो से लेकर बुजुर्ग एनिमिक माताओं के लिए स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं भी संचालित होती है। कलेक्टर ने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, मैदानी अमले, से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका में यह मेरा आंगनबाड़ी है यह भावना उनके अंदर होनी चाहिए। सभी को ये मेरा आंगनबाड़ी है और उस सभी आंगनबाड़ी का स्वामित्व होकर काम कराना होगा, तभी शासन की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों का सफतापूर्णक कियान्वयन किया जा सकता है। कलेक्टर ने कहा कि देखिए,जब ऐसी भावना लेकर काम करेंगे और फिल्ड का विजिट करेंगे तो सभी आंगनबाड़ी में वहां के बच्चों के प्रति अलग-ही लगाव होगा। बच्चों, शिशुवती माताओं और गर्भवती माताओं के लिए सकारात्मक वातावरण अपने-आप ही तैयार होते जाएगा। अब तक आप आंगनबाड़ी में जब तक वहां के बच्चों को अपना बच्चा समझकर उनके साथ अच्छा व्यवहार बनाए। आंगनबाड़ी के बच्चे बहुत अबोध होते है, उसे आंगनबाड़ी में बैठने, खेलने और खाना खिलाने ऐसे काम भी करने होते है।
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले के सूदूर व दूर्गम बनाचंल क्षेत्रों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र,स्वास्थ्य केन्द्र जिला प्रशासन के प्रथम कड़ी में होगी। इसलिए वनांचल क्षेत्रों में संचालित आंगबनाड़ी केन्द्रों को बेहतर ढंग से संचालित करे। केन्द्रों के माध्यम से चिन्हांकित सभी योजनाओं और कार्यक्रमों के हितग्राहियों का लाभ शतप्रतिशत मिलनी चाहिए। अांगनबाड़ी परिसर, रसोई घर, स्व्च्छा एवं साफ होने चाहिए। आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिए उपलब्ध खेल समाग्री को बच्चों का खेलने के लिए जरूर दे। आलमारी में नहीं रखे। बच्चों को खेल-खेल में बच्चों के साथ बातचित भी करें।
कलेक्टर ने जिलें में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र, मरम्मत योग्य आंगनबाड़ी केन्द्र तथा मरम्मत कार्य के लिए स्वीकृत आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति की जानकारी ली। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में रिक्त पदों की पूरी जानकारी लेते हुए रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को जनपद सीईओ से लेकर ग्राम स्तर के अमले और क्षेत्र के ग्राम सचिव व स्थानीय अमलो से समन्वय बना कर रखने के भी निर्देश दिए है। कलेक्टर ने विभागीय कामकाज की समीक्षा में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, राष्ट्रीय पोषण अभियान, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, किशोरी बालिका योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, महतारी जतना योजना, पोषण पुर्नवास केन्द्र योजनाओं की गहनता से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया है।