मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अखिल भारतीय महापौर परिषद के 51वें वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि महापौर को अपने नगर निगमों को आर्थिक स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि नगर निगमों में महापौर की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। महापौर ही शहर का असली लीडर होता है, जो महापौर शासन, प्रशासन, नागरिकों और अपनी टीम के साथ जितना बेहतर समन्वय बनाकर काम करते हैं, वे उतने ही सफल महापौर के रूप में लोकप्रिय होते हैं, उनका शहर उतना ही सुंदर होता है। निश्चित रूप से आप सभी अपने-अपने शहरों में बेहतर से बेहतर काम कर रहे होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि छत्तीसगढ़ में भी हमारे महापौरों ने बहुत उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने नगरीय निकायों में एक बेहतर व्यवस्था का निर्माण किया है ताकि लोगों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए भटकना न पड़े। हमारी वार्ड कार्यालय योजना के अंतर्गत वे अपने वार्डों में ही शिकायतें दर्ज करा सकते हैं और समाधान प्राप्त कर सकते हैं। नागरिक सेवाओं से जुड़ी प्रक्रियाओं का सरलीकरण करते हुए हमने मुख्यमंत्री मितान योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत 13 तरह की नागरिक सेवाओं की घर पहुंच सुविधा दी जा रही है। हम इस संख्या में 100 तक ले जाने के लिए निरंतर रूप से प्रयत्न कर रहे हैं। उन्होंने महापौरगणों को गोधन की आय के स्त्रोत के रूप में उपयोगिता बताते हुए कहा कि रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा के गौठान में गोबर से बिजली उत्पादन प्रारम्भ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम मुख्यालय भवन में गोबर से निर्मित पेंट से आकर्षक पेंटिंग का कार्य हो रहा है। उन्होंने अपने नगरों के नवाचारों की जानकारी देने महापौरगणों से अनुरोध किया एवं कहा कि वे नवाचारों के नये कार्यों को प्रदेश के नगर निगमों में करवाएंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में महापौरगणों एवं पार्षदगणों का मानदेय सहित उनकी निधियों की राशि नगर हित के विकास कार्यों को तेजी देने बढ़ाई गयी है।