नवगठित मोहला मानपुर अम्बागढ़ चौकी जिले के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वर्गीय श्री लाल श्याम शाह की प्रतिमा का माल्यार्पण किया और उनका पुण्यस्मरण भी किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा मोहला मानपुर अम्बागढ़ चौकी के नए जिले के रूप में घोषणा और इसका क्रियान्वयन एक तरह से स्वर्गीय लाल श्याम शाह जैसे कद्दावर आदिवासी नेता के आदिवासी हित के लिए किए गए कार्यों का सम्मान भी है।
स्व. लाल श्याम शाह ने हमेशा जनजाति हितों और उनकी मांगों को लेकर आवाज उठाई। उनकी आवाज जो मोहला मानपुर से निकलती थी वह दिल्ली तक गूंजती थी और स्वयं प्रधानमंत्री स्व. श्री जवाहरलाल नेहरू भी उनके सरोकारों से अवगत रहते थे और उन्हें पूरा करते थे। अमर उजाला के सीनियर रेजिडेंट एडिटर श्री सुदीप ठाकुर जिन्होंने स्वर्गीय लाल श्याम शाह के ऊपर लाल श्याम शाह- एक आदिवासी की कहानी, पुस्तक लिखी है। उन्होंने चर्चा में बताया कि 1960 की बात है। जब पंडित नेहरू रायपुर का प्रवास हुआ। उसी दौरान रायपुर में आदिवासी महासभा का आयोजन भी किया गया। आदिवासी महासभा का आयोजन हिन्द स्पोर्टिंग मैदान में हुआ था और इसके लिए लगभग 30,000 आदिवासी पैदल ही स्वर्गीय लाल श्याम शाह के नेतृत्व में रायपुर आये थे। स्वर्गीय लाल श्याम शाह ने पंडित नेहरू से मिलकर उन्हें इन आदिवासियों की मांगों के संबंध में बताया। पंडित नेहरू ने कहा कि हम आदिवासियों की मांगों के संबंध में एक आयोग का गठन करेंगे और इन्हें पूरा करेंगे। स्वर्गीय शाह ने कहा कि इसे आप स्वयं आदिवासियों को महासभा में आकर बताए तो उन्हें अच्छा लगेगा। पंडित नेहरू को प्रशासनिक अधिकारियों ने सलाह दी कि वहां ना जाए लेकिन पंडित नेहरू ने कहा कि अपने लोगों से मिलने मैं जरूर जाऊंगा। इसके बाद पंडित नेहरू स्वर्गीय लाल श्याम शाह का हाथ पकड़कर आदिवासी सम्मेलन पहुंचे, वहां देर तक पंडित जी के समक्ष लाल श्याम शाह ने आदिवासियों की मांग रखी। पंडित जी ने कहा कि हम आदिवासी हितों के प्रति प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए लगातार काम करेंगे। पंडित जी लोगों से मिले भी, हाथ भी मिलाया, कुछ लोग उनके चरण स्पर्श करना चाहते थे, उन्होंने विनम्रतापूर्वक उन्हें मना किया। पूरी घटना पंडित जी की संवेदनशीलता और अपने लोगों से उनके गहन स्नेह की कहानी कहती है। आज जब मुख्यमंत्री स्वर्गीय लाल श्याम शाह की प्रतिमा का माल्यार्पण करने पहुंचे तो लोगों के लिए ये भावुक क्षण था। पूर्वजों का सपना सच हुआ है। नये जिले के माध्यम से विकास की नई इबारत लिखी जाएगी।