मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में भारत सरकार के संशोधन के अनुसार राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड 6 क्रमांक 4 में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्तुत संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इस संशोधन प्रस्ताव के अनुसार प्राकृतिक आपदा के विरूद्ध प्रभावित व्यक्तियों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता की राशि में बढ़ोतरी की गई है।
केबिनेट की बैठक में अनुमोदित संशोधन प्रस्ताव के अनुसार कृषि भूमि से गाद/मलबा निकालने हेतु वर्तमान में 12,200 रूपए प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है। नवीन प्रावधान में इसे बढ़ाकर 18,000 रूपए प्रति हेक्टेयर किया गया है। भू-स्खलन/नदी से भूमि हानि के लिए वर्तमान प्रावधान 37,500 रूपए प्रति हेक्टेयर को नवीन प्रावधान में बढ़ाकर 47,000 रूपए प्रति हेक्टेयर, असिंचित भूमि में कृषि बागानी फसल हानि पर वर्तमान में 6,800 रूपए प्रति हेक्टेयर को बढ़ाकर नवीन प्रावधान में 8,500 रूपए प्रति हेक्टेयर, सिंचित भूमि में कृषि बागानी फसल हानि पर वर्तमान में 13,500 रूपए प्रति हेक्टेयर को बढ़ाकर नवीन प्रावधान में 17,000 रूपए प्रति हेक्टेयर, बारहमासी फसल हानि पर वर्तमान में 18,000 रूपए प्रति हेक्टेयर को बढ़ाकर नवीन प्रावधान में 22,500 रूपए प्रति हेक्टेयर किया गया है।
इसी प्रकार रेशम ( ऐरी, मलबरी, टसर) की हानि पर वर्तमान प्रावधान 4,800 रूपए प्रति हेक्टेयर को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 6,000 रूपए प्रति हेक्टेयर, रेशम (मूगा) की हानि पर वर्तमान प्रावधान 6,000 रूपए प्रति हेक्टेयर को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 7,500 रूपए प्रति हेक्टेयर, टिड्डी नियंत्रण हेतु रसायन स्प्रे पर नवीन प्रावधान राज्य के अंश की सीमा तक प्रावधान किया गया है। बड़े दुधारू पशु की हानि पर वर्तमान प्रावधान 30,000 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 37,500 रूपए, छोटे दुधारू पशु की हानि पर वर्तमान में 3,000 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 4,000 रूपए, बड़े सूखे पशु की हानि पर वर्तमान प्रावधान 25,000 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 32,000 रूपए, छोटे सूखे पशु की हानि पर वर्तमान में 16,000 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 20,000 रूपए, पोल्ट्री के लिए वर्तमान प्रावधान 5,000 रूपए प्रति परिवार, 50 रूपए प्रति पक्षी को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 10,000 रूपए प्रति परिवार, 100 रूपए प्रति पक्षी किया गया है।
इसी प्रकार गौशाला में पशु चारा के लिए वर्तमान प्रावधान 70 रूपए प्रतिदिन प्रति बड़े पशु, 35 रूपए प्रतिदिन प्रति छोटेपशु को बढ़ाकर नवीन प्रावधान में 80 रूपए प्रतिदिन प्रति बड़ेपशु, 45 रूपए प्रतिदिन प्रति छोटेपशु, पशुगृह क्षति में 1500 रूपए प्रति शेड को बढ़ाकर नवीन प्रावधान में 3000 रूपए प्रति शेड, सामान्य क्षेत्र में मकान क्षति (पूर्ण) वर्तमान प्रावधान 95,100 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 1,20,000 रूपए, पहाड़ी क्षेत्र में मकान क्षति (पूर्ण) वर्तमान प्रावधान 1,01,900 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 1,30,000 रूपए, पक्का मकान क्षति (आंशिक) वर्तमान प्रावधान 5200 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 6500 रूपए, कच्चा मकान क्षति (आंशिक) वर्तमान प्रावधान 3200 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 4000 रूपए, झोपड़ी क्षति वर्तमान प्रावधान 4100 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 8000 रूपए, कपड़ा क्षति वर्तमान प्रावधान 1800 रूपए प्रति परिवार को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 2500 रूपए प्रति परिवार, बर्तन क्षति वर्तमान प्रावधान 2000 रूपए प्रति परिवार को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 2500 रूपए प्रति परिवार, जनहानि पर वर्तमान प्रावधान 4,00,000 रूपए को नवीन प्रावधान में यथावत रखा गया है।
इसी प्रकार अंग हानि (40 से 60 प्रतिशत) पर वर्तमान प्रावधान 59,100 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 74,000 रूपए, अंग हानि (60 प्रतिशत से अधिक) पर 2,00,000 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 2,50,000 रूपए, अस्पताल में भर्ती (1 सप्ताह से कम) वर्तमान प्रावधान 4300 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 5400 रूपए, अस्पताल में भर्ती (1 सप्ताह से ज्यादा) वर्तमान प्रावधान 12700 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 16000 रूपए, हथकरघा बुनकर को क्षति पर वर्तमान प्रावधान 4100 रूपए प्रति कारीगर को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 5000 रूपए प्रति कारीगर, मछुवारों के नाव की पूर्ण क्षति पर वर्तमान प्रावधान 9600 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 15000 रूपए, मछुवारों के नाव की आंशिक क्षति पर 4100 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 6000 रूपए, मछुवारों के जाल की पूर्ण क्षति पर वर्तमान प्रावधान 2600 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 4000 रूपए, मछुवारों के जाल की आंशिक क्षति पर वर्तमान प्रावधान 2100 रूपए को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 3000 रूपए, मछली चारे हेतु इनपुट सब्सिडी पर वर्तमान प्रावधान 8200 रूपए प्रति हेक्टेयर को बढ़ाकर नवीन प्रावधान 10000 रूपए प्रति हेक्टेयर, पंजीकृत भूमिहीन श्रमिक की आजीविका क्षति पर नवीन प्रावधान आपदा की अवधि (30 दिन) तक 02 सदस्य को मनरेगा दर पर आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है।