राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के समापन अवसर पर सुप्रसिद्ध भजन गायिका सुश्री मैथिली ठाकुर ने ‘जय जोहर‘ सम्बोधन के साथ शुरूआत करते हुए कहा कि भगवान राम के ननिहाल में भगवान राम के ससुराल से आयी हूं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में उनके द्वारा प्रस्तुत मिथला के लोक गीतों का ऐसा जादू चला कि मुख्यमंत्री और उनके साथ अन्य अतिथि अपनी जगह से उठकर झूमने लगे। भजन गायिका मैथिली ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल छत्तीसगढ़ के गीतों में गहरी रूचि रखते है, तो मिथला के लोक गीतों का उतना ही आदर करते है।
सुश्री मैथिली ठाकुर द्वारा कार्यक्रम में अद्भुत प्रस्तुति दी गई। उनके द्वारा मैथिली लोक गीतों से श्रीराम के मिथला प्रवास का सुन्दर वर्णन किया गया। मिथला में लोक गीतों में मासूम शरारत होती है। यही जनकपुर में आने पर मिथला के अतिथियों के साथ होता है। उन्होंने अपनी प्रस्तुति में विश्वामित्र और राजा दशरथ से भी प्रश्न कर लिया, कि लोग अपने राजाओं से कितने करीब होते थे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और अतिथियों ने मंच पर पहुंचकर सुश्री मैथिली ठाकुर को पुष्पगुच्छ एवं रामचरित मानस की प्रति भेंटकर सम्मानित किया।