West Bengal Elections: पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव को भाजपा राज्य में अपनी जड़े मजबूत करने के साथ लोकसभा चुनावों के लिए बड़ी तैयारी के रूप में ले रही है। भाजपा ने पश्चिम बंगाल में पिछली बार से ज्यादा लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
पिछली बार भाजपा ने 18 सीटें जीती थी। इस बीच भाजपा की राज्य में ताकत बढ़ी है। उसके 70 से ज्यादा विधायक हैं और हर क्षेत्र में उसके कार्यकर्ता हैं।
पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव से एक बार फिर राज्य की राजनीति गरमाई हुई है। नामांकन प्रक्रिया के दौरान हिंसा के बाद राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। हालांकि इस बार ज्यादा नामांकन होने की संभावना है। 2018 में तृणमूल कांग्रेस पर नामांकन न करने देने के आरोप लगे थे। तब चुनाव चिह्न पर लड़ी गई 59 हजार सीटों में से 34 फीसदी तृणमूल कांग्रेस ने निर्विरोध जीती थी। कुल मिलाकर तृणमूल कांग्रेस ने 90 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज की थी।
पश्चिम बंगाल में इस बार माहौल बदला हुआ है। भाजपा की ताकत पहले की तुलना में काफी बढ़ी है। उसके पास 16 सांसद और 70 से ज्यादा विधायक हैं।
भाजपा इस चुनाव को लोकसभा की तैयारी के रूप में ले रही है। लोकसभा में भाजपा ने पिछली बार 18 सीटों पर चौंकाने वाले जीत दर्ज की थी। जिसके चलते वह विधानसभा चुनाव में बड़ी दावेदार भी बन गई थी। हालांकि विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने लगभग एकतरफा जीत दर्ज करते हुए 294 में से 213 सीटें जीती थी। भाजपा ने भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपनी सीटों को तीन से 77 तक पहुंचा दिया था। अगले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने पिछली बार से ज्यादा सीटों की लक्ष्य रखा है।