रायपुर : छत्तीसगढ़ का विकास मॉडल देखने आए तेलंगाना के किसानों ने छत्तीसगढ़ में संचालित किसान हितैषी नीतियों और योजनाओं को सराहा। तेलंगाना के विभिन्न जिलों से आए 500 किसानों ने राजनांदगांव और दुर्ग जिले में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित की जा रही किसान हितैषी योजनाओं का अवलोकन करने के बाद आज सवेरे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से उनके निवास में प्रदेश के मुखिया श्री बघेल से अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए तेलंगाना से आए किसान प्रतिनिधियों ने पारम्परिक वस्त्र गोंगड़ी पहनाकर और बैलगाड़ी का मॉडल भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
तेलंगाना के किसानों ने इसके पहले राजनांदगाव जिले के डोंगरगांव विकासखण्ड के अमलीडीह गौठान और दुर्ग जिले के पुलगांव गौठान का अवलोकन किया और छत्तीसगढ़ के किसानों, मजदूरों और गौपालकों से चर्चा कर योजनाओं की विस्तृत जानकारी ली। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं और नीतियों की तारीफ करते हुए तेलंगाना के किसान प्रतिनिधि श्री शरद कुमार ने कहा छत्तीसगढ़ सरकार आम जनता और किसानों के हित में महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित कर रही हैं और इनका लाभ भी आम जनता को मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व की सरकार ने महात्मा गाँधी की ग्राम स्वराज की कल्पना को साकार किया है। धान का बेहतर मूल्य, गोबर की खरीदी, जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलने से यहां के किसानों के चेहरे पर खुशी दिख रही है। श्री शरद कुमार ने कहा कि भूपेश सरकार का यह किसान मॉडल पूरे देश में भी लागू किया जाना चाहिए। श्री शरद कुमार ने प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि किसान हितैषी योजनाओं से न केवल किसान समृद्ध हो रहे हैं, बल्कि बेहतर आजीविका भी सुनिश्चित हो रही है और इस पूरे मॉडल को समझने के लिए तेलंगाना से हम सभी किसान छत्तीसगढ़ आए हैं।
तेलंगाना से आए किसान श्री एम. शिवा वीर रेड्डी ने कहा आपकी सरकार प्रदेश के किसानों के लिए बढ़िया काम कर रही है। गोबर खरीदी योजना से पूरे देश में आपकी पहचान गोबर खरीदने वाले मुख्यमंत्री के रूप में बनी है। श्री स्वामी ने कहा कि मैं स्वयं गोपालन करता हूं यदि आप जैसी योजनाएं हमारे भी प्रदेश में भी संचालित होती तो मैं एक सौ नहीं हजार गाय पालता। श्री स्वामी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में गौठान, गोपालन तथा किसानों के हित में संचालित की जा रही योजनाओं का, मीडिया के जरिए पूरे देश में प्रचार-प्रसार होना चाहिए ताकि अन्य प्रदेश के किसानों को भी इसकी जानकारी मिल सके।