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चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की किसी भी स्थिति निपटने के लिए गुजरात पूरी तरह तैयार

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प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 10 और एसडीआरएफ की 12 टीमें तैनात
संभावित प्रभावित क्षेत्रों में 202 108-एंबुलेंस और 264 सरकारी एंबुलेंस भेजी गईं
सौराष्ट्र के 8 जिलों में 21 हजार से अधिक नौकाओं को लंगर डाल खड़ा किया गया

गांधीनगर | कच्छ के भूकंप से लेकर राज्य के समुद्र तटों पर टकराने वाले चक्रवातों जैसी प्राकृतिक आपदा के समय पैदा होने वाले भीषण हालातों में गुजरात ने हमेशा आपदा प्रबंधन की मिसाल पेश की है। आज चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ गुजरात के समुद्र तटों से टकराने वाला है, तब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मजबूत नेतृत्व में सरकार ने चक्रवात से निपटने और जनता को सुरक्षित रखने की तमाम पूर्व तैयारियां कर ली हैं। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों ने कई तरह की तैयारियां की हैं।

एनडीआरएफ की 19 और एसडीआरएफ की 12 टीमें तैनात
गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, जूनागढ़, राजकोट और वलसाड समेत 9 तटीय जिलों और 1 केंद्र शासित प्रदेश दीव में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 19 टीमें तैनात की गई हैं। इसके साथ 7 तटीय जिलों (कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, जूनागढ़) और पाटण, बनासकांठा तथा सूरत में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 12 टुकड़ियां तैनात की गई हैं जबकि 1 एसडीआरएफ टुकड़ी को रिजर्व रखा गया है। चक्रवात, बरसात और तेज हवाओं को ध्यान में रखकर पूर्व तैयारियों के रूप में सौराष्ट्र के 8 जिलों में विभिन्न क्षेत्रों में लगाए गए 4317 होर्डिंगों को हटा दिया गया है, ताकि जान-माल की हानि को टाला जा सके। इसके अलावा, इन 8 जिलों में 21,595 नौकाओं को लंगर डाल खड़ा किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गईं तैयारियां
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने संभावित प्रभावित क्षेत्रों में दवाइयों और लॉजिस्टिक्स का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित किया है। संभावित प्रभावित जिलों के अस्पतालों में 100 फीसदी डीजल जनरेटरों की व्यवस्था की गई है। चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका वाले क्षेत्रों में पर्याप्त चिकित्सा सहायता मुहैया कराने के लिए कुल 202 108-एंबुलेंस और 264 सरकारी एंबुलेंस आवंटित की गई हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संभावित प्रभावित क्षेत्रों में रह रहीं गर्भवती महिलाओं तथा उनकी अनुमानित डिलीवरी की तारीखों की सूची बनाई गई है, ताकि उन्हें समय पर उचित उपचार उपलब्ध कराया जा सके। इन जिलों में कुल 197 डीजी सेट आवंटित किए गए हैं।