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कांग्रेस ऐसा करे तो AAP भी MP-राजस्थान के इलेक्शन नहीं लड़ेगी: मंत्री सौरभ भारद्वाज की अनोखी शर्त

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AAP Congress के सामने अजीबो गरीब शर्त रखने के कारण चर्चा में है। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “कांग्रेस पार्टी को दिल्ली में 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं मिली थीं।

दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, अगर कांग्रेस कहती है कि वे दिल्ली-पंजाब में चुनाव नहीं लड़ेंगे, तो आम आदमी पार्टी (AAP) भी कहेंगी कि हम मध्य प्रदेश-राजस्थान में चुनाव नहीं लड़ेंगे।”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। लेकिन, आज यह सी-सी-सी, कॉपी-कट-कांग्रेस हो गई है। ये अरविंद केजरीवाल का सब कुछ लूट रहे हैं। इन्हें खुद का कुछ पता नहीं है। अब यह सामने आ रहा है कि कांग्रेस में न केवल नेतृत्व की कमी है बल्कि विचारों की भी कमी है।”

सौरभ ने कहा, कांग्रेस के पास लोगों की आकांक्षाओं को जानने के लिए ऐसा तंत्र नहीं है। उन्होंने कहा, “इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि आज देश की सबसे पुरानी पार्टी देश की सबसे नई पार्टी (AAP) का घोषणापत्र चुरा रही है।

उन्होंने कहा, अरविंद केजरीवाल ने हमारे घोषणापत्र को गारंटी बताया। इस गारंटी शब्द को भी कांग्रेस ने चुरा लिया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पहले आप की मुफ्त बिजली और महिलाओं को मासिक भत्ते का मजाक उड़ाया था, लेकिन अब वह खुद दूसरे राज्यों में योजनाओं का वादा कर रही है।

सौरभ ने कहा, जब AAP ने दिल्ली में मुफ्त बिजली देने की बात की, तो कांग्रेस ने हमारा मज़ाक उड़ाया। अब उसने हिमाचल प्रदेश में अरविंद केजरीवाल की गारंटी की नकल की और 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया।

कांग्रेस ने आप की नकल करते हुए पंजाब में महिलाओं को मुफ्त बिजली देने का भी मज़ाक उड़ाया, लेकिन बाद में खुद हिमाचल और कर्नाटक में इसकी घोषणा की। सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में सरकार के अधिकार संबंधी अध्यादेश के मुद्दे पर AAP का समर्थन करने या नहीं करने की दुविधा पर भी कांग्रेस पर कटाक्ष किया।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी में फैसले लेने में अक्सर देरी होती है। वे समय पर गोवा में सरकार नहीं बना सके और भाजपा ने पार्टी को तोड़कर विधायक छीन लिए।”

बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों से समर्थन लेने के लिए देशव्यापी दौरा शुरू किया है।

अध्यादेश के खिलाफ 11 मई को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक मेगा रैली भी की गई थी। केजरीवाल अब तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिल चुके हैं।

इसके अलावा उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सुप्रीमो शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने 19 मई को ‘स्थानांतरण पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों’ के संबंध में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) के लिए नियमों को अधिसूचित करने के लिए एक अध्यादेश लाया।

अध्यादेश की मदद से मोदी सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन किया। इससे केंद्र बनाम दिल्ली मामले में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला भी निष्प्रभावी हो गया।