Home खेल स्मृति मंधाना के करियर की 5 सबसे धांसू पारियां…

स्मृति मंधाना के करियर की 5 सबसे धांसू पारियां…

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टीम इंडिया की स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना आज अपना 27वां जन्मदिन मना रही हैं। मंधाना की गिनती महिला क्रिकेट की सबसे धाकड़ बल्लेबाजों में की जाती है। बाएं हाथ की इस बैटर ने अपने 10 साल के इंटरनेशनल करियर में कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं। मंधाना के बल्ले से निकली यादगार पारियों ने भारतीय टीम को कई मैचों में ऐतिहासिक जीत दिलाई है। इस पोस्ट में ऐसी ही पांच पारियों की आज हम बात करेंगे।

1.ऑस्ट्रेलिया की धरती पर रचा इतिहास
साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया की धरती पर स्मृति मंधाना ने इतिहास रचा था। मंधाना कंगारू सरजमीं पर टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से शतक जमाने वाली पहली महिला बैटर बनी थीं। मंधाना ने 127 रन की लाजवाब पारी खेली थी। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि पिंक बॉल टेस्ट में यह किसी भी भारतीय महिला बैटर के बल्ले से निकली पहली सेंचुरी भी रही थी।

2.साउथ अफ्रीका के खिलाफ मचाया धमाल
साल 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए वनडे मुकाबले में स्मृति मंधाना के बल्ले से 135 रन की लाजवाब पारी निकली। मंधाना की शतकीय पारी के दम पर भारतीय टीम स्कोर बोर्ड पर 302 रन का बड़ा टोटल खड़ा करने में सफल रही थी।

3.वेस्टइंडीज की गेंदबाजों की उड़ाई धज्जियां
2017 में खेले गए 50 ओवर के वर्ल्ड कप में स्मृति मंधाना ने वेस्टइंडीज की गेंदबाजों की जमकर धुनाई की थी। मंधाना ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 108 गेंदों पर 106 रन की नाबाद पारी खेली थी। इस दौरान उनके बल्ले से 13 चौके और 2 गगनचुंबी छक्के निकले थे, जिसके दम पर भारतीय टीम इस मुकाबले को 7 विकेट से अपने नाम करने में सफल रही थी।

4. न्यूजीलैंड के खिलाफ बोला हल्ला
साल 2019 में स्मृति मंधाना ने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलते हुए 105 रन की यादगार पारी खेली। बाएं हाथ की इस बैटर की उम्दा बल्लेबाजी के दम पर भारतीय टीम इस मुकाबले को आसानी से अपने नाम करने में सफल रही और मंधाना को प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से भी नवाजा गया।

5. टी-20 में जड़ी सबसे तेज फिफ्टी
स्टार बैटर स्मृति मंधाना के नाम महिला क्रिकेट में भारत की तरफ से सबसे तेज फिफ्टी जड़ने का रिकॉर्ड दर्ज है। साल 2019 में खेले गए टी-20 इंटरनेशनल मुकाबले में मंधाना ने ताबड़तोड़ अंदाज में बैटिंग करते हुए महज 24 गेंदों पर अर्धशतक ठोका था। इस मुकाबले में 58 रन की तेज तर्रार पारी खेलने के बावजूद मंधाना टीम को जीत नहीं दिला सकी थीं।