लोगों से चंदा आदि प्राप्त करने वाले ‘क्राउडसोर्सिंग’ प्लेटफार्म को अब परमार्थ कार्यों के लिए दान मांगते समय इस बात की जानकारी देनी होगी कि इसके लिए उन्होंने कितना शुल्क लिया है।बता दें कि केटो जैसे ‘क्राउडसोर्सिंग’ प्लेटफार्म लोगों से धर्मार्थ कार्यों के लिए किए गए दान का पांच प्रतिशत हिस्सा लेते हैं।भारतीय विज्ञापन मानक परिषद ने परमार्थ कार्यों से जुड़े विज्ञापनों को लेकर जारी दिशानिर्देश में यह भी साफ किया है कि समस्या से घिरे पीडितों, विशेषकर बच्चों और नाबालिगों की तस्वीरों का उपयोग विज्ञापनदाताओं को नहीं करना चाहिए।साथ ही कहा गया है, ‘यदि कोई ‘क्राउडसोर्सिंग’ प्लेटफार्म दानदाता से कोष जुटाने या उसके प्रबंधन के लिए कोई शुल्क लेता है, तो यह स्पष्ट करना होगा कि ऐसी राशि कितनी है।दिशानिर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी विज्ञापन में खुले तौर पर या स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा जाना चाहिए कि जो कोई भी इस मुहिम का समर्थन नहीं करता है वह अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल है।