दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मप्र में बारिश ने मचाया तहलका, पानी में बहती नजर आईं कई जिंदगियां
गुजरात के जूनागढ़ में बारिश से तबाही का मंजर: सैकड़ों कच्चे मकान ढहे, कई इलाके अब भी जलमग्न
नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में मानसून कहर बनकर टूट रहा है। दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मप्र समेत कई राज्यों में बारिश ने तहलका मचाया हुआ है। गुजरात और दिल्ली में भारी बारिश की वजह से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। गुजरात के दक्षिण और सौराष्ट्र क्षेत्रों के कई जिलों में शनिवार को भारी से बहुत भारी बारिश हुई। इससे शहरी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और बांधों और नदियों में बढ़ते जलस्तर के बीच गांव अलग-थलग पड़ गए।
जूनागढ़ में मूसलाधार बारिश से हालात काफी बिगड़ गए हैं। गलियों में पानी इतनी तेज रफ्तार से बह रहा है कि घरों में फंसे लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। रस्सी और सीढ़ी के सहारे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। वहीं, शनिवार को हुई तेज बारिश जूनागढ़ के कई इलाकों के लिए आफत बनकर बरसी। शहर के दुर्वेशनगर, गणेश नगर, जोशीपारा समेत कई इलाकों के सैकड़ों कच्चे मकान ढह गए। यहां एक मंजिला मकान पूरी तरह से डूब गए थे, जिससे घरों का पूरा सामान बर्बाद हो गया है। बाढ़ की चपेट में आए सैकड़ों जानवरों के शव भी मिले हैं।
हिंडन नदी में आई बाढ़
दिल्ली में यमुना फिर उफान पर है। ताजा आंकड़े के अनुसार यमुना खतरे के निशान को पार करते हुए 206.26 मीटर पर दर्ज की गई। यमुना में बढ़ते जलस्तर के साथ लोगों की चिंताएं भी एक बार फिर बढऩे लगी हैं। इस बार कहानी सिर्फ यमुना या दिल्ली तक सीमित नहीं है। इस बार परेशानी नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहरों में भी बढ़ती दिख रही है। वजह है हिंडन नदी में आई बाढ़। यमुना के बाढ़ का पानी अभी ठीक से कम भी नही हुआ कि एक और नदी हिंडन में बाढ़ आने से नोएडा के कई इलाकों मे पानी आ गया। आनन फानन में किसी तरह फायर की टीम ने कुछ घरों को खाली करवाया है। माना जा रहा है कि जलस्तर और बढ़ सकता है, जिसको लेकर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है।
हिमाचल में बाढ़ से 7 मौतें
हिमाचल के कुल्लू व शिमला में बादल फटने की घटनाएं हुईं, वहीं अलग-अलग हादसों में 7 मौतें भी हुई हैं। इससे प्रदेश में मानसून में मरने वालों की संख्या 154 हो गई है। महाराष्ट्र के इर्शालवाड़ी गांव में लैंडस्लाइड के चार दिन बाद भी 82 लोग लापता हैं। मरने वालों की संख्या 26 हो गई है। यवतमाल में बाढ़ में फंसे 45 लोगों को एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टर्स की मदद से एयरलिफ्ट किया गया।
श्योपुर में पार्वती उफनी
मध्यप्रदेश के मालवा अंचल में हो रही भारी बारिश से श्योपुर जिले में रविवार को पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ गया। जलालपुरा के पास नदी पर बना रपटा डूब गया। श्योपुर का राजस्थान के खातोली, कोटा और इटावा से संपर्क कट गया है। जिले का सुंडी गांव टापू बन गया। भोपाल में भी दोपहर को तेज बारिश हुई। वहीं नर्मदापुरम के शाहगंज के पास अमरगढ़ झरने में रविवार को एक 29 साल का युवक डूब गया। गोताखोर उसकी तलाश में जुटे हैं। रविवार को इंदौर समेत 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन में हल्की बारिश हो सकती है। लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों और बांधों का जलस्तर बढ़ रहा है। उज्जैन में शिप्रा तो बुरहानपुर और बैतूल में ताप्ती उफान पर है। बरसाती नदियों में भी तेज बहाव है। मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में बारिश कराने वाले चार सिस्टम एक्टिव हैं। इस वजह से आने वाले दिनों में बारिश जारी रहेगी। सीनियर मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि मध्यप्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन यानी चक्रवाती हवाओं का घेरा बना हुआ है। पूर्वी और पश्चिमी हवाएं दक्षिण मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में मिल रही हैं। मानसून ट्रफ लाइन भी गुजर रही है। इससे बारिश का दौर चल रहा है।
बड़वानी में नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर
बड़वानी में राजघाट पर नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर पहुंच गया। इससे नदी किनारे के गांवों में डूब का खतरा है। कछार क्षेत्र में हुई वर्षा और ऊपरी बांधों की टरबाइन से पानी छोडऩे से शहर के समीप नर्मदा नदी का जलस्तर रविवार शाम को खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। जलस्तर बढऩे से राजघाट का पुराना पुल पूरी तरह से डूब चुका हैं।
बुरहानपुर के तीन गांवों में बाढ़
बुरहानपुर में ताप्ती नदी पर बना हतनूर पुल डूबने से 10 से ज्यादा गांव का जिले से संपर्क टूट गया है। शनिवार रात जिले के फोपनार गांव में उतावली नदी का पानी घुस गया। बाढ़ में फंसे 250 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। यहां पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस ने पहुंचकर जायजा लिया। जिले के जसौंदी में अंजनडोह नदी पर बने तालाब के ओवरफ्लो होने से बाढ़ आ गई। अंबाड़ा गांव में भी घरों में पानी भर गया।