शिलांग । पूर्वोत्तर के राज्यों में स्कॉटलैंड कहे जाने वाले सबसे शांत मेघालय में शीतकालीन राजधानी बनाने का मुद्दा अब सुलगने लगा है। 1972 में मेघालय को असम से काटकर अलग राज्य का दर्जा दिया गया था। पश्चिम गारो हिल्स मुख्यालय चुरा को शीतकालीन राजधानी बनाने का वादा किया गया था। आज तक यह वादा पूरा नहीं हुआ। इस मांग को लेकर यहां पर भूख हड़ताल शुरू की गई है। मांग करने वालों समर्थकों ने सोमवार को तुरा में मुख्यमंत्री
कोनराड संगमा के दफ्तर में उस समय हमला किया था। जब वह उनके प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे थे। अब अगली बैठक 9 अगस्त को शिलांग में आयोजित की गई है। आंदोलनकारियों का कहना है कि तुरा से शिलांग की दूरी 300 किलोमीटर से ज्यादा है। दुर्गम रास्ता होने के कारण प्रशासनिक कार्यों के लिए राजधानी जाने में काफी समय लगता है। अक्टूबर से मार्च तक राजधानी शिलांग से तुरा शिफ्ट की जाए।
इसी तरह की मांग दूसरे संगठन भी कर रहे हैं। जयंतिया हिल्स स्थित हाइनीट्रैप यूथ काउंसिल जोवाई को शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग कर रहा है। मेघालय राज्य गारो- खासी और जैंतिया इलाकों में बंटा हुआ है। इन तीनों इलाकों को समान दर्जा मिलने की बात कहीं जा रही है। मणिपुर में हुए घटना चक्र के बाद अब मेघालय में भी जनजातियों के बीच टकराव बढ़ रहा है।