लखनऊ: यूपी विधानसभा में बेरोजगारी के मुद्दे पर सीएम योगी और नेता विपक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी नोंकझोक हुई है। दरअसल प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) सदस्य संग्राम यादव ने एक तारांकित प्रश्न में पूछा कि क्या सरकार प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के मद्देनजर रोजगारपरक शिक्षा को इंटर कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल करेगी?
इस सवाल के जवाब में सीएम योगी ने कहा, ‘हमारे माननीय सदस्य अगर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन करके आए होते तो यह सवाल न पूछते। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो चुकी है। इसमें सामान्य पाठ्यक्रम के साथ साथ कई रोजगारपरक पाठ्यक्रम भी लागू किए गए हैं। राज्य सरकार इसे आगे बढ़ा रही है। इसमें पैरामेडिकल, ड्रोन टेक्नॉलोजी, डाटा एनालिसिस और थ्रीडी पेंटिंग जैसे पाठ्यक्रम भी जोड़े गए हैं।’
CM ने कहा, ”पिछले छह साल में नकलविहीन परीक्षा हो रही है। नकल माफिया पर लगाम कसी गई है। पहली बार हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा मात्र 15 दिन में हुई और 14 दिन में नतीजे भी आ गए। मात्र 29 दिन में प्रक्रिया पूरी हुई।’
सीएम योगी ने कहा, ‘नौकरियों में भर्ती के मामले मे कुछ लोग न्यायालय गए, वो अलग विषय है, लेकिन पिछले पांच सालों में हमने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में एक लाख 64 हजार भर्तियां की हैं। साथ ही उच्च शिक्षा, प्राविधिक या व्यावसायिक और संस्कृत शिक्षा के लिए भी भर्तियां हुई हैं। साथ ही शिक्षक भर्ती के लिए हम एक भर्ती आयोग का गठन करने के लिए विधेयक लेकर आए हैं।’
सदन में अखिलेश यादव ने कहा, ”मुख्यमंत्री ने बेरोजगारी के मामले पर काफी कुछ कहा है। मैं उनसे सिर्फ इतना जानना चाहता हूं कि साल 2017 से 2022 के बीच 15 साल की आयु वर्ग के लोगों की संख्या में कितनी बढ़ोतरी हुई। उनका भविष्य उज्ज्वल बनाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उन्हें रोजगार देने के लिये उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार क्या कर रही है। वह बेरोजगारी दर के बारे में तो बता रही है लेकिन रोजगार दर के विषय में नहीं बता रही है। उन्हें बताना चाहिये कि उनकी संख्या क्या है।”
इस पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ”मुझे अच्छा लगा कि नेता विरोधी दल को अब जनसंख्या की चिंता होने लगी है। यह अच्छी बात है। इसी को नियंत्रित करने के लिए हम समान कानून की बात करना चाहते हैं। समाजवादियों में कुछ तो प्रोग्रेस हुई है। अच्छा है, प्रगति के बारे मे सोचना चाहिए।”
उन्होंने कहा, ”सर्वे से सरकार के कामों के बारे में पता चलता है। बेरोजगारी दर रोजगार उपलब्ध करवाने पर ही पता चलती है। साल 2016-17 में प्रदेश में बेरोजगारी दर 19% से अधिक थी। इस वक्त यह दर 3-4 प्रतिशत तक आ गई है। इससे पता चलता है कि लोगों को रोजगार और नौकरी मिल रही है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय को भी पता है कि सरकार के काम में पारदर्शिता और शुचिता है।