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भारतीय कर्मचारी ने सिंगापुर की कंपनी के खिलाफ जीता केस

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तमिलनाडु के 37 वर्षीय रामलिंगम मुरुगन ने भीड़ भरी लॉरी लापरवाही मामले में सिंगापुर में मुकदमा जीत लिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में मुरुगन एक भीड़ भरे ट्रक से उतरते समय गिर गए थे, जिससे उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया था।
ये हादसा 3 जनवरी 2021 को हुआ था। हादसे के बाद मुरुगन पांच महीनों तक काम नहीं कर पाए। तीन बच्चों के पिता मुरुगन ने अपने और अन्य मजदूरों को पहुंचाई जा रही ढीली सुरक्षा को देखते हुए रिगेल मरीन सर्विसेज कपंनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया और 2022 में 100,000 सिंगापुर डॉलर ($73,500) के मुआवजे की मांग की।
रामलिंगम मुरुगन के वकील मुहम्मद अशरफ सैयद अंसराय ने कहा कि ‘वह एक लॉरी से गिरकर घायल हो गया जो अत्यधिक भीड़भाड़ वाली थी। ऐसी कंपनियों, खासकर भारी निर्माण में शामिल कंपनियों के लिए जोखिम आकलन को हल्के में लेना असामान्य नहीं है।’ हालांकि, रिगेल मरीन सर्विसेज के प्रतिनिधियों ने दावों का खंडन किया और कहा कि मुरुगन की दुर्घटना उसकी खुद की लापरवाही के कारण हुई थी।
17 अगस्त को, जिला न्यायाधीश ने मुरुगन के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि स्पष्ट रूप से ‘कंपनी द्वारा कर्तव्य का उल्लंघन किया गया है।’ जिला न्यायाधीश टैन मे टी ने कहा कि उन्हें मुरुगन की ओर से कोई लापरवाही नहीं मिली और उनके पास दुर्घटना से बचने का कोई रास्ता नहीं था क्योंकि वाहन उस समय 22 से अधिक लोगों को ले जा रहा था।’ बता दें कि सिंगापुर को दशकों से सस्ते विदेशी मजदूरों से काफी फायदा हुआ है।
भारत, वियतनाम, बांग्लादेश और चीन से लाखों मजदूर काम के अवसर और अच्छी सैलरी को देखते हुए हर साल सिंगापुर जाते हैं। ये सभी मजदूर हॉस्टल में रहते हैं और उन्हें लॉरी के द्वारा काम पर भेजा जाता है। बिना किसी सीट बेल्ट और सुरक्षा के खचाखच भरी लॉरी में जाने से कई मजदूर सड़क हादसे का भी शिकार होते है।