मुंबई.महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर भड़क उठा है। मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए आंदोलन हिंसक हो गया और सोलापुर, औरंगाबाद, नागपुर और महाराष्ट्र के अन्य जिलों तक फैल गया। वहीं, अब मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र सीएमओ ने बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र कैबिनेट उपसमिति की बैठक चार सितंबर को दोपहर 12 बजे होगी। बैठक में सीएम एकनाथ शिंदे समेत अन्य बड़े नेता भी शामिल होंगे।
महाराष्ट्र सरकार ने जरांगे पाटिल को बुलाया
महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे पाटील को महाराष्ट्र सरकार ने आमंत्रित किया है। डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने पाटिल से बात की और उन्हें चर्चा के लिए बुलाया। उपमुख्यमंत्री ने जारांगे पाटिल को आश्वासन दिया कि जालना घटना में न्याय होगा। सूत्रों के अनुसार, मराठा समुदाय को आरक्षण की मांग को लेकर सरकारी अधिकारियों और जारांगे पाटिल के बीच बैठक होगी।
बता दें, राज्यसभा सांसद और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सीएम से अनुरोध किया था। जारांगे पाटिल मंगलवार से जालना के अंतरवाली सारथी गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे। अधिकारियों द्वारा उन्हें अस्पताल में स्थानांतरित करने की कोशिश के बाद शुक्रवार को आंदोलन हिंसक हो गया।
हिंसा के सिलसिले में 360 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज
हिंसा भड़कने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। 40 पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए और 15 से अधिक राज्य परिवहन बसों को आग लगा दी गई। पुलिस ने कहा कि हिंसा के सिलसिले में 360 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।
पंकजा गोपीनाथ मुंडे बोलीं- घटना की निष्पक्ष जांच हो
भाजपा नेता पंकजा गोपीनाथ मुंडे ने जालना घटना पर कहा कि मैं इस घटना की निंदा करती हूं। जिन प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया, उनकी बात सुनी जानी चाहिए और घटना की विस्तृत और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।