नई दिल्ली । कांग्रेस ने एक देश एक चुनाव को देश की जनता के साथ धोखा बताया है, यही वजह है कि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने समिति में शामिल होने से इनकार कर दिया। इस बात का खुलासा कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने किया है। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार के ‘एक राष्ट्र एक चुनाव के विचार को खारिज करते हुए इसे राज्यों पर हमला करार दिया और कहा कि यह देश की संघीय प्रणाली के विरुद्ध है। वहीं कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा, जिसे ‘एक राष्ट्र एक चुनाव कहा जा रहा है उस पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन एक अनुष्ठानिक अभ्यास है और इस काम की प्रक्रिया को सामने लाने का समय सन्देह पैदा करता है। इस संदर्भ में अपनाई गई शर्तें और सिफारिशें मनमानी से निर्धारित की गई हैं। समिति की संरचना भी अपने हिसाब से तय हुई हैं और इसी वजह से लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस समिति का हिस्सा बनने से इनकार किया है।
रमेश ने यह बात चौधरी की उस बयान का समर्थन किया है जिसमें ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव को देश के साथ धोखा बताया है। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को इस संदर्भ में लिखे अपने एक पत्र में कहा कि मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसकी शर्तें इसके निष्कर्षों की गारंटी के लिए तैयार की गई हैं। मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से एक धोखा है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आज़ाद को सदस्य बनाया गया है।