नई दिल्ली. INDIA Meaning: विपक्षी दलों द्वारा अपने गठबंधन का नाम इंडिया रख लेने के बाद इस शब्द पर जमकर बहस हो रही है। अब बीजेपी के सांसद हरनाथ सिंह यादव ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में इंडिया शब्द को गुलामी और दासता का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा कि भारत शब्द हमारी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, सांस्कृतिक संपदा का, सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।
ANI से बातचीत में हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि सारा देश ये चाहता है, तमाम कोनों से मांग आ रही हैं, हमारे सम्मानीय RSS के सरसंघचालक ने भी भारत शब्द के लिए अपील की है कि देश के लोगों को भारत शब्द बोलना चाहिए, दूसरा कोई शब्द नहीं बोलना चाहिए। इस देश का नाम भारत है, दूसरा कोई नाम नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत शब्द में जो जज्बा है, यह प्राणवान है, इससे हमको ऊर्जा मिलती है, इससे श्रद्धा का भाव को प्रकट होता है, वो इंडिया में दूर-दूर तक नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि अंग्रेजी में जो इंडिया शब्द है- उनकी दृष्टि में हम जाहिल कौम थे, भारत के लोग और दुनिया के अंदर जहां-जहां उन्हें लगता था कि जाहिल, अपराधिक प्रवृत्ति के लोग हैं, मूर्ख लोग हैं… ऐसे लोगों को उन्होंने इंडिया शब्द दिया है… लेकिन हमारे यहां ऐसे विकृत मानसिकता के तत्व हैं जो लोगों को गुमराह करते हैं कि अंग्रेज सिंध की तरफ से आए थे वो सिंध बोल नहीं पाते थे, इंड बोलते थे… ये धीरे-धीरे इंडिया हो गया।
हरनाथ सिंह यादव इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने कहा , “मैं उन मूर्ख लोगों से, पागल लोगों से यह पूछना चाहता हूं कि सिंध से यदि इंडिया हो गया तो इंडोनेशिया में सिंध नदी कहां थी। एग्लो-इंडियन जिस क्षेत्र में थे, वहां सिंध नदी कहां थी। तमाम ऐसे देश हैं जहां इंड शब्द हैं, वहां सिंध नदी कहां थी। ये इंडिया शब्द अंग्रेजों के द्वारा हमारे लिए दी गई गाली है, इसलिए इंडिया शब्द जाना चाहिए।”
‘भारत सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक’
उन्होंने कहा कि भारत शब्द हमारी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, सांस्कृतिक संपदा का, सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। इसलिए भारत शब्द का इस्तेमाल होना चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि जितने भी गुलाम के प्रतीक हैं, दासता के प्रतीक हैं, वो सब भारत भूमि से जाने चाहिए। हरनाथ यादव ने आगे कहा, “मेरा ये मत है कि संविधान में संशोधन करना चाहिए और भारत शब्द जोड़ना चाहिए…”