डॉलर और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बीच गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 2 पैसे गिरकर 83.15 के निचले स्तर पर पहुंच गया।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा पिछले कुछ सत्रों में विदेशी निवेशकों द्वारा शेयरों की भारी बिकवाली और कमजोर बाजार की वजह से भारतीय मुद्रा कमजोर कारोबार कर रही है। तेल उत्पादक देशों द्वारा इस साल दिसंबर तक आपूर्ति कटौती बढ़ाने पर सहमति के बाद कच्चा तेल 90 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार हो गया है। वहीं, दूसरी तरफ डॉलर मजबूत हुआ।
इंटरबैंक विदेशी मुद्रा पर रुपया डॉलर के मुकाबले 83.15 पर खुली, जो पिछले बंद से 2 पैसे कम है। वहीं, यूनिट ने ग्रीनबैक के मुकाबले 83.14 से 83.16 के सीमित दायरे में कारोबार किया। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे की गिरावट के साथ 83.13 पर बंद हुआ। इससे पहले रुपया इसी साल 21 अगस्त को 83.13 के स्तर पर पहुंचा था।
डॉलर इंडेक्स जो छह मुद्राओं की मजबूती को दर्शाता है। इसके अनुसार डॉलर 0.01 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 104.85 पर आ गया। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.21 प्रतिशत गिरकर 90.41 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
आज बीएसई सेंसेक्स 156.01 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,724.51 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, एनएसई निफ्टी 47.10 अंक या 0.24 प्रतिशत गिरकर 19,563.95 पर आ गया।
एक्सचेंज डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बुधवार को 3,245.86 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।