रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से यहां उनके निवास कार्यालय में बस्तर सांसद श्री दीपक बैज के नेतृत्व में बस्तर दशहरा समिति जगदलपुर के प्रतिनिधिमण्डल ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व 2023 में शामिल होने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने बस्तर दशहरा में आमंत्रित करने के लिए प्रतिनिधिमण्डल को धन्यवाद देते हुए आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।
गौरतलब है कि 75 दिवसीय विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व हरेली अमावस्या से प्रारंभ होकर आश्विन शुक्ल पक्ष के 13वें दिन तक मनाया जाता है। देश के तीन भागों में दशहरे की अलग पहचान है, मैसूर (कर्नाटक) एवं किन्नौर (हिमाचल प्रदेश) के अलावा छत्तीसगढ़ के बस्तर का दशहरा अपने आप में अनूठा है। चालुक्य नरेश पुरूषोत्तम दे
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से यहां उनके निवास कार्यालय में बस्तर सांसद श्री दीपक बैज के नेतृत्व में बस्तर दशहरा समिति जगदलपुर के प्रतिनिधिमण्डल ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व 2023 में शामिल होने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने बस्तर दशहरा में आमंत्रित करने के लिए प्रतिनिधिमण्डल को धन्यवाद देते हुए आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।
गौरतलब है कि 75 दिवसीय विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व हरेली अमावस्या से प्रारंभ होकर आश्विन शुक्ल पक्ष के 13वें दिन तक मनाया जाता है। देश के तीन भागों में दशहरे की अलग पहचान है, मैसूर (कर्नाटक) एवं किन्नौर (हिमाचल प्रदेश) के अलावा छत्तीसगढ़ के बस्तर का दशहरा अपने आप में अनूठा है। चालुक्य नरेश पुरूषोत्तम देव द्वारा पुरी के जगन्नाथ मंदिर जाकर रथपति की उपाधि के साथ वापस लौटने के प्रतीक स्वरूप रथ उत्सव गोंचा पर्व व दशहरा का आयोजन किया जाता है।
वर्तमान में बस्तर के निवासियों द्वारा बस्तर अंचल की प्रमुख आराध्य देवी मां दन्तेश्वरी के सम्मान में श्रद्धापूर्वक दशहरा मनाया जाता है। बस्तर दशहरा यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं सामाजिक समरसता का प्रतीक है। इस पर्व में समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए कार्य निर्धारित है। बस्तर दशहरा हर वर्ष अद्वितीय उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया जाता है। बस्तर दशहरा देखने के लिए देश-विदेश से हजारों पर्यटक हर वर्ष बस्तर आते हैं।
व द्वारा पुरी के जगन्नाथ मंदिर जाकर रथपति की उपाधि के साथ वापस लौटने के प्रतीक स्वरूप रथ उत्सव गोंचा पर्व व दशहरा का आयोजन किया जाता है।
वर्तमान में बस्तर के निवासियों द्वारा बस्तर अंचल की प्रमुख आराध्य देवी मां दन्तेश्वरी के सम्मान में श्रद्धापूर्वक दशहरा मनाया जाता है। बस्तर दशहरा यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं सामाजिक समरसता का प्रतीक है। इस पर्व में समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए कार्य निर्धारित है। बस्तर दशहरा हर वर्ष अद्वितीय उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया जाता है। बस्तर दशहरा देखने के लिए देश-विदेश से हजारों पर्यटक हर वर्ष बस्तर आते हैं।