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रिलायंस गैस की कीमत 18 प्रतिशत घटी

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नई दिल्ली । गैस की अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क कीमतों में नरमी के अनुरूप रिलायंस इंडस्ट्रीज के गहरे समुद्र के केजी-डी6 ब्लॉक जैसे कठिन क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत में रविवार को 18 प्रतिशत की भारी कटौती की गई है। एक आधिकारिक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। हालांकि व्यापक रूप वाहन ईंधन सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस पीएनजी बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गैस के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

नई दिल्ली । गैस की अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क कीमतों में नरमी के अनुरूप रिलायंस इंडस्ट्रीज के गहरे समुद्र के केजी-डी6 ब्लॉक जैसे कठिन क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत में रविवार को 18 प्रतिशत की भारी कटौती की गई है। एक आधिकारिक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। हालांकि व्यापक रूप वाहन ईंधन सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस पीएनजी बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गैस के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस गैस का दाम रिलायंस को भुगतान की जाने वाली बाजार दर से 30 प्रतिशत कम पर निर्धारित है। पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एक अक्टूबर से शुरू होने वाली छह माह की अवधि के लिए गहरे समुद्र और उच्च दबाव, उच्च तापमान (एचपीटीपी) क्षेत्रों से गैस की कीमत 12.12 अमेरिकी डॉलर से घटाकर 9.96 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दी गई है। सरकार स्थानीय रूप से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतें साल में दो बार तय करती है। इस गैस को वाहनों में इस्तेमाल के लिए सीएनजी और रसोई में इस्तेमाल के लिए पीएनजी में बदला जाता है। ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया ‎लिमिटेड (ओआईएल) के पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस और कठिन नए क्षेत्रों से उत्पादित गैस के भुगतान के लिए दो अलग-अलग फॉर्मूला हैं। गैस की दरें हर साल एक अप्रैल और एक अक्टूबर को तय की जाती हैं।

इस गैस का दाम रिलायंस को भुगतान की जाने वाली बाजार दर से 30 प्रतिशत कम पर निर्धारित है। पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एक अक्टूबर से शुरू होने वाली छह माह की अवधि के लिए गहरे समुद्र और उच्च दबाव, उच्च तापमान (एचपीटीपी) क्षेत्रों से गैस की कीमत 12.12 अमेरिकी डॉलर से घटाकर 9.96 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दी गई है। सरकार स्थानीय रूप से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतें साल में दो बार तय करती है। इस गैस को वाहनों में इस्तेमाल के लिए सीएनजी और रसोई में इस्तेमाल के लिए पीएनजी में बदला जाता है। ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया ‎लिमिटेड (ओआईएल) के पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस और कठिन नए क्षेत्रों से उत्पादित गैस के भुगतान के लिए दो अलग-अलग फॉर्मूला हैं। गैस की दरें हर साल एक अप्रैल और एक अक्टूबर को तय की जाती हैं।