नई दिल्ली । उत्तरी सिक्किम में तीस्ता नदी में अचानक आयी बाढ़ के तीन दिन बाद, इसके जल प्रवाह वाले निचले इलाकों में मिले शवों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है, जबकि बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं। मृतकों में सेना के सात जवान भी शामिल हैं। अभी भी करीब 143 लोग लापता हैं, जबकि कई लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन और सेना की ओर से इलाके में बड़े स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। बचाव अभियान में आईटीबीपी के जवानों ने मुश्किल समय लोगों को बचाने के लिए हर प्रयास किए। बीते 3 दिनों से करीब 2,413 लोगों को बचा लिया गया है और वे राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। वहीं बचाए हुए लोगों में 68 लोग ऐसे भी हैं, जो 16 हजार फीट की ऊंचाई पर फंसे हुए थे, लेकिन उनके लिए आईटीबीपी के जवान भगवान के रूप में सामने आए। इतनी ऊंचाई पर फंसे लोगों का कनेक्शन पूरी तरह से उत्तरी सिक्किम से कट गया था। इन लोगों को बचाने के लिए आईटीबीपी की बचाव टीम ने बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन में जवानों ने सभी 68 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इसके अलावा आईटीबीपी ने बताया कि एक अन्य बचाव अभियान में तीस्ता पावर प्रोजेक्ट, चुंगथम के 6 अधिकारियों को भी सुरक्षित बचाया गया है।
इलस मुश्किल घड़ी में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को 4 लाख रुपए अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया। उन्होंने राहत शिविरों में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति को दो हजार रुपये तत्काल राहत के रूप में देने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। साथ ही राहत शिविरों में शरण लिए लोगों में प्रत्येक को 2,000 रुपए की तत्काल राहत देने की भी घोषणा की। बरदांग इलाके से लापता हुए सेना के 23 जवानों में से सात के शव निचले इलाकों के विभिन्न हिस्सों से बरामद किये गए हैं, जबकि एक को बचा लिया गया तथा शेष लापता जवानों की तलाश सिक्किम और उत्तर बंगाल में जारी है। ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण भारी मात्रा में जल एकत्र हो गया और चुंगथांग बांध की ओर प्रवाहित हुआ। तेज जलप्रवाह ने बिजली संयंत्र के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया और निचले इलाकों में बसे शहरों और गांवों में बाढ़ आ गई। बाढ़ से राज्य में 13 पुल बह गए, जिसमें अकेले मंगन जिले के आठ पुल शामिल हैं। गंगटोक में तीन और नामची में दो पुल बह गए। बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही चुंगथांग शहर में मचाई है और उसका 80 फीसदी हिस्सा प्रभावित हुआ है। राज्य की जीवनरेखा माने जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)10 को कई स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचा है। इस बीच तीस्ता बैराज के समीप निचले इलाके में सेना के 15 लापता जवानों की तलाश जारी है।