मध्य प्रदेश सरकार में मंत्रालय में सचिव के पद पर तैनात आईएएस ऑफिसर राजीव शर्मा ने ठीक चुनाव से पहले वीआरएस के लिए आवेदन किया। हजारों समर्थकों और सैकड़ो गाड़ियों के काफिले के साथ भिंड में किया प्रवेश जगह-जगह हुआ स्वागत सत्कार, भिंड विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की लगाई जा रहे है कयास।
समाज सेवा को आधार बनाकर राजनीति में एंट्री करना कोई नई बात नहीं है ठीक चुनावों से पहले अफसरी छोड़ राजनीति में आने के कई उदाहरण देखने को मिल जाते हैं वर्तमान में भिंड में एक ऐसे ही आईएएस ऑफिसर सरकार से व्हीआरएस मांगकर भिंड विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर दावेदारी ठोक रहे है,मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने चुनाव लड़ने की बात को तो स्वीकार नहीं किया लेकिन समाज सेवा का प्रण जरूर जाहिर कर दिया है,राजीव शर्मा वर्तमान में मध्यप्रदेश सरकार के मंत्रालय में सचिव के पद पर पदस्थ हैं, जो कुछ दिनों पहले तक शहडोल संभाग के कमिश्नर भी रहे थे, उन्होंने डेढ़ महीने पहले वीआरएस के लिए अपना आवेदन भी राज्य सरकार के सुपुर्द कर दिया है, जो अब अंतिम दौर में बताया जा रहा है,राजीव शर्मा आज अपने ग्रह नगर क्षेत्र भिण्ड में गाड़ियों के बड़े काफिले के साथ भिंड पहुँचे हैं, अटकलें है कि वे आने वाले चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर भिंड विधानसभा से चुनाव में उतर सकते हैं,
दरअसल आईएएस राजीव शर्मा भारी संख्या में समर्थकों की भीड़ और वाहनों के क़ाफ़िले की धमक के साथ शुक्रवार शाम भिंड पहुँचे तो जगह जगह उनका ढोल-नगाड़ों और फूल मालाओं के साथ स्वागत देखने को मिला, इस बीच कांग्रेसियों ने भी उनका माला पहना कर स्वागत किया, इससे उनके चुनाव लड़ने की खबरों को हवा लगती नजर आरही है।
वहीं मीडिया से चर्चा के दौरान उनसे पूछ गया की वीआरएस लेने के पीछे राजनीति में जाना या कुछ और उद्देश्य है इस सवाल पर उनका कहना था कि उन्होंने 35 वर्षों तक प्रशासनिक पद पर रहकर प्रदेश की जानता के लिए निष्कलंक सेवा की अपने क्षेत्र का नाम रौशन करने का प्रयास किया और अब वे वापस अपने शहर लौटे हैं और जनता उसका उत्सव मना रही है, इसका कोई और अर्थ निकालना ठीक नहीं होगा, वहीं राजनीति में जाने की इच्छा को लेकर जब उनसे प्रश्न किया तो उनका कहना था कि पैदा होने से लेकर अब तक मैंने और मेरे दोस्तों ने सपना देख है की कैसे भिंड का विकास हो यह क्षेत्र बेहतर हो, विद्यार्थी जीवन में भी गाँव गाँव जाकर नालियाँ साफ़ की है,सेवा भाव उनके और टीम राजीव के संस्कार में हैं, वहीं उन्होंने कहा की शासकीय सेवा में रहते हुए भी भिंड और भिंड वालों का विकास कैसे हो ये प्रयास रहा जो भला हो सकता था शासकीय मर्यादा में रहते हुए करने की कोशिश की है,वहीं उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि वे किसी भी टिकट के आकांक्षी नहीं हैं लेकिन भविष्यवक्ता भी नहीं है, ग़ौरतलब है कि IAS राजीव शर्मा की रैली में कांग्रेस के कई नेता भी शामिल थे ऐसे में उनके भिंड से चुनाव लड़ने की चर्चाएँ गरम हैं, वहीं पूर्व से क्षेत्र में चुनाव के लिए मेहनत कर रहे कांग्रेसियों को भी अपना टिकट काटने की चिंता सता रही है।
बता दें कि इससे पहले भिंड ज़िले के और भी सरकारी अफसर नौकरी छोड़ कर राजनीति के जरिये विधायक सांसद बन चुके हैं,जिनमे वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी (एसएडीओ) रहे हरी सिंह नरवरिया 1990 में नौकरी छोड़ मेहगाँव से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे और विधायक चुने गए थे, वहीं 1975 बैच के आईएएस भगीरथ प्रसाद भी रिटायरमेंट के बाद राजनीति से जुड़े और कांग्रेस से भिंड में अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़े और हारे, वहीं दूसरी बार बीजेपी से चुनाव लड़ा और सांसद बने,इन्ही की तरह एमडी डॉक्टर राधेश्याम शर्मा भिंड ज़िला चिकित्सालय में पदस्थ रहते हुए अपनी नौकरी से इस्तीफ़ा देकर भिंड विधानसभा का चुनाव लड़ने कांग्रेस से उतरे लेकिन हार का सामना करना पड़ा अब कांग्रेस से राजनीति में सक्रिय है और भिंड विधानसभा से टिकट दावेदारी कर रहे हैं।