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यात्रियों की सुरक्षा के लिए : ट्रेनों के एसी कोच में आग लगते ही बजेगा अलार्म

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ट्रेनों में आगजनी की घटना से अब बचाव हो सकेगा। दरअसल, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन ने अनूठी पहल की है। तीनों मंडलों के 28 जोड़ी ट्रेनों के 415 एसी कोचों को एडवांस फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम से लैस कर दिया है। यह सिस्टम धुंआ डिटेक्ट कर अलार्म, लाइट इंडिकेटर, आडियो साउंड से यात्रियों को सतर्क करेगा।

रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और यात्रा का बेहतर अनुभव कराने को लेकर लगातार काम कर रहा है।इसी कड़ी में 28 जोड़ी ट्रेनों के सभी एसी कोच में फायर स्मोक डिटेक्शन व सप्रेशन प्रणाली से लैस कर लिया है।अब तक 415 एसी कोच, 50 पावर कारों को इससे लैस भी किया जा चुका है। यहीं नहीं 8-11 स्मोक सेंसर लगाए गए हैं, जो कोच के शौचालयों के गैंगवे एरिया और कोच के अंदर उपयुक्त स्थान पर लगे हैं।

स्मोक डिटेक्शन एक लूप में कंट्रोल माड्यूल से जुड़ा होता है। आग लगने की स्थिति में यह कंट्रोल माड्यूल आडियो विजुअल साउंड अलार्म, लाइट इंडिकेटर, प्रीलोडेड घोषणा के लिए पीए सिस्टम और ब्रेक का स्वचालित रूप से कार्यरत हो जाएगा तथा ट्रेन को रोककर और यात्रियों को सतर्क करने में मदद करता है।

यहीं नहीं दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ट्रेनों के पावर कार एवं पैंट्रीकार में भी एडवांस फायर एंड स्मोक डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम के तहत एस्पीरेशन एवं हीट टाइप फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सेंसर्स, सप्रेशन आउटलेट, पीएलसी पैसेंजर अलार्म बजर आदि उपकरण लगाए गए हैं।

ट्रेनों के पावर कार एवं पैंट्रीकार में फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगने से आने वाले दिनों में ट्रेन के अंदर आग लगने से पहले ही फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम से अलार्म बजने लगेगा। इससे आग पर समय रहते काबू कर लिया जाएगा।

धुंआ, चिंगारी या आग का संकेत मिलते ही सिस्टम में लगे सेंसर सक्रिय हो जाएगा।अलार्म बजने के साथ दोनों सिलेंडर क्रियाशील होकर प्रेशर बनाने लगेंगे। कुछ देर में नाइट्रोजन और पानी का मिश्रण पाइपों में प्रवाहित होने लगेगा। दबाव बढ़ते ही वाल्व खुल जाएगा और नाइट्रोजन मिश्रित पानी का बौछार शुरू हो जाएगा। इस प्रकार आग बुझाने पर काबू पा लिया जाएगा।

इसके अतिरिक्त एसी कोचों में ध्रूमपान करने वाले भी चिन्हित किए जा सकते हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।ऐसे ध्रूमपान करने वालों से सहयात्रियों को दिक्कत होती है तथा ट्रेनों में आगजनी की घटना होने की संभावना रहती है। अब चलती ट्रेनों में ध्रूमपान से और धुंआ उठते ही अर्लाम अर्लट कर देगा। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में पहले पेंट्रीकार से गैस के सिलेंडर हटाया जा चुका है।

वर्तमान में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, शिवनाथ एक्सप्रेस, बिलासपुर-पटना एक्सप्रेस, बिलासपुर-पुणे एक्सप्रेस के साथ जनशताब्दी समेत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की 28 जोड़ी ट्रेनों के एसी कोचों में लगाया जा चुका है।

इसमें बिलासपुर मंडल की 14 जोड़ी, रायपुर मंडल की 13 जोड़ी और नागपुर मंडल की एक जोड़ी ट्रेनों के सभी एसी कोच, पावरकार, पेंट्रीकार में यह सिस्टम लगाया जा चुका है। इस सिस्टम के अतिरिक्त सभी पावर कार, पैंट्री कार और एसी कोचों में अग्नि शमन यंत्र भी उपलब्ध कराये गए हैं।