Home राजनीति एथिक्स कमेटी ने लोकसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट भेजी जा सकती है महुआ...

एथिक्स कमेटी ने लोकसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट भेजी जा सकती है महुआ मोइत्रा सांसदी

9
0

नई दिल्ली । संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने (कैश फॉर क्वेरी) के मामले की जांच कर रही लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने 10 नवंबर को अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को भेज दी। मीडिया रिपोट्र्स में इसकी पुष्टि की गई है। रिपोर्ट में लिखा है- महुआ मोइत्रा का अकाउंट विदेश से 47 बार लॉगिन हुआ। टीएमसी सांसद की ओर से संसद में पूछे गए 61 सवालों में से 50 सवाल बिजनेमसमैन दर्शन हीरानंदानी की पसंद के थे।
अब यह रिपोर्ट 4 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के विंटर सेशन में लोकसभा में पेश की जाएगी। इसमें महुआ के निष्कासन की सिफारिश को लेकर वोटिंग हो सकती है। भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता में कमेटी ने गुरुवार को बैठक की और 479 पन्नों की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। लोकसभा की एथिक्स कमेटी की निचले सदन के किसी सांसद के खिलाफ की गई यह पहली कार्रवाई है। सोनकर के मुताबिक, महुआ को 6:4 के बहुमत से आईडी लॉगिन आईडी और पासवर्ड दूसरों के साथ साझा करने के ‘अनैतिक आचरण’ का दोषी पाया गया। कमेटी के 10 में से 6 मेंबर्स ने महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने के पक्ष में वोट दिया था। 4 मेंबर्स ने विपक्ष में वोट डाला था। कमेटी के जिन 4 सदस्यों ने महुआ के निष्कासन का विरोध किया था, उन्होंने रिपोर्ट को पूर्वाग्रह से ग्रस्त और गलत बताया। उन्होंने कहा था कि दर्शन हीरानंदानी को पैनल के सामने पेश होने का मौका नहीं दिया गया। दर्शन सिर्फ हलफनामा ही दाखिल कर पाए हैं। भाजपा सांसद और कमेटी मेंबर अपराजिता सारंगी ने कहा कि कांग्रेस सांसद प्रनीत कौर ने सच का साथ दिया। मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं। कोई भी सही सोच वाला व्यक्ति महुआ मोइत्रा का समर्थन नहीं करेगा।
महुआ मोइत्रा का अकाउंट जुलाई 2019 से अप्रैल 2023 के बीच यूएई से 47 बार ऑपरेट हुआ था। इस दौरान 2019 से सितंबर 2023 के बीच वह सिर्फ चार बार यूएई गई थीं। सूत्रों ने बताया कि एक ही आईपी एड्रेस से किसी ने 47 बार लॉग इन किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा द्वारा पूछे गए 61 सवालों में से 50 सवाल बिजनेमसमैन दर्शन हीरानंदानी की पसंद के थे। दर्शन हीरानंदानी विदेश में रहते हैं, आचार समिति ने बताया है कि पासवर्ड शेयर करने से गुप्त जानकारी विदेशी एजेंसियों के हाथ लग सकती है। एथिक्स कमेटी के हवाले से सूत्रों ने बताया कि संसदीय लॉगिन शेयर करने का मतलब बाहरी लोगों को ऐसे कई संवेदनशील दस्तावेज मिल सकते हैं जो सांसदों के साथ पहले से शेयर किए जाते हैं। समिति ने बताया जम्मू और कश्मीर परिसीमन विधेयक, 2019, ट्रिपल तलाक समेत करीब 20 विधेयक पब्लिक डोमेन में आने से पहले ही सांसदों के साथ शेयर किए गए थे। समिति ने कहा कि ऐसे दस्तावेजों के संभावित लीक से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।