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यह सब कुछ कवर करतीं हैं कंपनियां, यात्रा बीमा का दावा पाने के लिए पूरी करें प्रक्रिया

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यात्रा के दौरान आपात परिस्थितियों में यात्रा बीमा सर्वोत्तम सुरक्षा कवच माना जाता है। यह मेडिकल आपातकालीन परिस्थितियों, ट्रिप के रद्द या बदलाव होने, चेक-इन किए गए सामान को पाने में देरी या खो जाने के साथ साथ पासपोर्ट के गुम होने जैसी कई परिस्थितियों को कवर करता है। दावा फाइल करते समय क्लेम प्रक्रिया के बारे में ठीक से पता होना चाहिए, ताकि दावा मिल सके। ऐसी स्थिति में दावा पाने के लिए आपको निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

यात्रा का रद्द होना या छूटना
यात्रा रद्द या कम करने की सूचना बीमा कंपनी को दें। क्लेम फॉर्म में दस्तावेजों के साथ इमरजेंसी का विवरण भी दें। केवल होटल बुकिंग और फ्लाइट टिकट जैसे गैर वापसी, प्री-पेड खर्चों की लागत का रीइंबर्समेंट किया जाएगा।

मेडिकल इमरजेंसी
आप विदेश में हों और कोई मेडिकल इमरजेंसी आ जाए तो ट्रैवल बीमा पॉलिसी ऐसी आपात स्थिति में क्वालिटी मेडिकल केयर की सुविधा देती है। किसी घटना और मेडिकल स्थिति की पूरी जानकारी बीमा कंपनी को दें। डॉक्टर के बयान आदि जैसे दस्तावेज़ जमा करें। बीमा कंपनी के पास उस देश में संबद्ध चिकित्सा सुविधाओं का नेटवर्क है, तो अस्पताल को पेमेंट होगा। कैशलेस दावा निपटान सुविधा नहीं है, तो पहले भुगतान कर बाद में रीइंबर्समेंट का आवेदन करें।

सामान खो जाना
सामान खो जाने पर यात्रा बीमा पॉलिसी आपातकाल से बचाती है। रीइंबर्समेंट सामान के पूरे नुकसान के मामले में लागू होता है। ट्रैवल एजेंट नुकसान के लिए कुछ मुआवजा देता है, तो बीमा कंपनी बाकी राशि देगी।

चेक-इन बैगेज में देरी
चेक इन बैगेज आप तक नहीं पहुंच पाया है तो एयरलाइंस को बताएं। सामान पहुंचने में कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक का समय लग सकता है। ट्रैवल इंश्योरेंस है तो बीमा कंपनी सामान आप तक पहुंचने तक जरूरी वस्तुओं को खरीदने के लिए तय राशि देगी। पासपोर्ट खोने पर भारतीय दूतावास आपातकालीन प्रमाणपत्र या पासपोर्ट फिर से जारी करेगा। इस पर जो खर्च होगा, वह मिल जाएगा।

आशीष सेठी, हेल्थ एसबीयू एवं ट्रैवल कारोबार के प्रमुख, बजाज आलियांज का कहना है कि क्लेम लेेने के लिए जरूरी दस्तावेज जुटाएं। इसमें मेडिकल रिपोर्ट, रसीदें, पुलिस रिपोर्ट आदि हो। फॉर्म को सही से भरें और प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए जरूरी विवरण दें। भरे हुए क्लेम फॉर्म और दस्तावेजों को बीमा कंपनी को दें।