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1.66 लाख करोड़ रुपये रहा, चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह, कई कंपनियां स्वेच्छा से बाहर

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 1 जुलाई, 2017 से लागू होने के बाद से जीएसटी संग्रह वार्षिक आधार पर बढ़ता दिख रहा है और चालू वित्त वर्ष में अब तक औसत सकल मासिक संग्रह 1.66 लाख करोड़ रुपये है। लोकसभा में सोमवार को एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रह चालू वित्त वर्ष के हर माह में 1.50 लाख करोड़ रुपये के पार रहा। अप्रैल, 2023 में यह 1.87 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। सीतारमण ने कहा कि 2020-21 में औसत मासिक संग्रह 94,734 करोड़ रुपये था। 2021-22 में औसत यह प्रतिमाह 1.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा।

अमृत काल की शुरुआत में ही पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को कहा कि भारत ‘अमृत काल’ (2047 तक) की शुरुआत में ही 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के 2027-28 में तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी के साथ 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान लगाया है।

पिछले पांच वर्षों में एक लाख से अधिक कंपनियां स्वेच्छा से बाहर निकलीं

पांच वर्षों में एक लाख से अधिक कंपनियां कंपनी कानून के तहत स्वेच्छा से बाहर निकल गईं। इसके अलावा कई कंपनियों ने दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत स्वैच्छिक परिसमापन की मांग की है। एक प्रश्न के जवाब में कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि इस दौरान कंपनियों द्वारा स्वैच्छिक निकास के लिए लिया गया समय औसतन 6-8 महीने रहा। कुछ मामलों में यह 12-18 महीने के बीच रहा है।