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सात दिवसीय अनुष्ठान का दुसरा दिन, मंदिर के अंदर लायी जाएगी राम लला की मूर्ति

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अयोध्या में राम लला का प्राण प्रतिष्ठाअनुष्ठान शुरू हो चुका है। सात दिन तक चलने वाले इस अनुष्ठान के खत्म होने के बाद ही प्रभु श्री राम की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को महज 5 दिन (22 जनवरी) बाकी रह गए हैं। यानी वह शुभ घड़ी बेहद करीब आ गई है, जब रामजन्मभूमि पर बने भगवान राम के मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। राम मंदिर के उद्घाटन से पहले मंगलवार (16 जनवरी) से धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो चुके हैं। आज अनुष्ठान का दूसरा दिन है। अनुष्ठान के तहत आज रामलला की नई मूर्ति को मंदिर के अंदर ले जाया जाएगा। जलयात्रा, तीर्थपूजन, ब्राह्मण-बटुक-कुमारी-सुवासिनी पूजन, वर्धिनीपूजन और कलशयात्रा के बाद आज भगवान रामलला की मूर्ति का प्रसाद परिसर में भ्रमण होगा। आपको बता दें कि अयोध्या में बनकर तैयार हो रहे भव्य मंदिर में लगने वाली मूर्ति के लिए 3 मूर्तिकार काम पर लगे थे. इनमें जयपुर के सत्यनारायण पांडेय, कर्नाटक के गणेश भट्ट और मैसुरू के अरुण योगीराज शामिल थे. योगीराज की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जबकि बाकी दो मूर्तियों को भी रखा जाएगा.

‘मंदिर के अंदर भगवान राम की बाकी दो मूर्तियां भी’
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव जी का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि शेष 2 अन्य मूर्तियों को भी मंदिर में ही रखा जाएगा. एक मूर्ति मंदिर में ही रहेगी विराजमान तो दूसरी प्रतिमा के सदुपयोग पर ट्रस्ट विचार करेगा. आदर के साथ रामलला के तीनों विग्रहों की देखभाल की जाएगी. उन्होंने कहा है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की मूर्ति पर प्रशासन और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था का जो निर्देश होगा, उसी के अनुरूप कार्य होगा.

गर्भ गृह में रखा जाएगा रामलला का वर्तमान विग्रह
ट्रस्ट की ओर से यह भी बताया गया है कि राम मंदिर ट्रस्ट के ही सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा प्राण प्रतिष्ठा के प्रमुख यजमान होंगे. वह सपत्नी अनुष्ठान में शामिल रहेंगे.राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति को ही गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में इसी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. चंपत राय ने कहा कि नई मूर्ति के अलावा रामलला के वर्तमान विग्रह को भी नए मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा.