छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 102 किमी दूर महासमुंद जिला के गांव करमापटपर में स्थित है यमराज का मंदिर । बागबाहरा-पिथौरा रोड पर जंगल के बीच देवस्थल खल्लारी स्थापना के पास निर्जन स्थान में बना यमराज का मंदिर इन दिनों चर्चा में है। इस मंदिर के निर्माण की कहानी दिलचस्प है। जहां पर यमराज का मंदिर बना है,वहां खतरनाक मोड़ है,दुर्घटनाजन्य स्थल के रूप में चिन्हांकित है।यहां अक्सर सड़क हादसा होता था और लोग असमय ही काल के गाल में समा जाते थे। ऐसा ही हादसा तेंदूकोना निवासी नंदकुमार सोनी के साथ हुआ। उनकी मोटरसाइकिल एक वाहन से टकरा गई। पलभर के लिए लगा कि मौत हो गई है। पूरे क्षेत्र में नंदकुमार की मौत हो जाने की खबर भी फैल गई थी। जब नंदकुमार को होश आया तो उसने अपने आप को अस्पताल में बिस्तर पर पाया। रायपुर के एक नर्सिंग होम में पूरे दो महीने उपचार कराया। मौत के मुंह से वापस आए नंदकुमार ने संकल्प लिया कि इस दुर्घटनाजन्य स्थल पर मौत के देवता यमराज की मूर्ति स्थापित करेंगे। जनसहयोग और स्वयं के धन से मंदिर बनाने की आधारशिला रखी। 2012 में शुरू हुआ मंदिर निर्माण का काम अक्टूबर 2017 में पूर्ण हुआ। 20-21 अक्टूबर को दो दिन तक चले मंत्रोधाार के साथ ही भाई दूज के अवसर पर यम-यमुना की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्घालु पहुंचे थे। इस साल मंदिर स्थापना का तीसरा वर्ष है। इस साल भी 29 अक्टूबर को भाई दूज पर यहां श्रद्घालु बड़ी संख्या में जुटेंगे। और यम-यमुना का दर्शन करेंगे। आसपास के ग्रामीण और सोनी दंपती बताते हैं कि पहले इस दुर्घटनाजन्य स्थल पर अक्सर हादसा होता था और लोग बेमौत ही मारे जाते थे। जब से यमराज मंदिर बना है और प्राण प्रतिष्ठा हुई है। तब से इस स्थान पर एक भी सड़क हादसा नहीं हुआ है। इससे लोगों का आस्था और विश्वास साल दर साल बढ़ता जा रहा है।