महासमुंद : कामकाजी महिलाओं के सामने हमेशा इस बात की चुनौती रहती है की जब वे ऑफिस जाए तो बच्चों की देखभाल कौन करेगा। वे अक्सर तनाव में रहती है, लेकिन काम और बच्चों की देखभाल दोनों को ही पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाना चाहती है। कलेक्टर श्री प्रभात मलिक ने इस समस्या के समाधान के लिए विशेष रुचि दिखाई और जिला मुख्यालय में जिले का पहला सर्वसुविधायुक्त पालना घर स्थापित किया। जिसका संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसे छत्तीसगढ़ी में मोर दाई के कोरा का नाम दिया गया है। नाम के अनुरूप अब बच्चे यहां घर जैसा माहौल और ममता पाकर बेहद खुश और आनंदित है। बच्चों की खुशी देखकर पालक भी खुश और संतुष्ट है। फिलहाल पालना घर में बच्चों का आना जारी है, धीरे धीरे बच्चो की संख्या बढ़ रही है। जिला कार्यालय में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर श्रीमती मिषा कोसले का 2 साल का बेटा पालना घर में दिन भर रहता है। इसी तरह फुड इंस्पेक्टर अंजना का बेटा और अन्य अधिकारियों के बच्चे भी यहां रहते हैं। डिप्टी कलेक्टर श्रीमती मिषा कोसले ने कहा कि बड़े शहरों में भी इस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं है। बच्चे यहां खुश हैं यही पेरेंट्स की सबसे बड़ी उपलब्धि हैं। यहां सारी सुविधाएं हैं और सीसीटीवी कैमरे से निगरानी भी हो रही है। इसी तरह फूड इंस्पेक्टर अंजना ने कहा कि सबसे अच्छी बात यहां की सुविधा और सुरक्षा है हम पूरी चिंता मुक्त होकर अपना कार्य कर रहे हैं। पालना घर का संचालन कार्यालयीन समय सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक किया जा रहा है।