बाहरी समर्थन से चल रही कमलनाथ सरकार को झाबुआ के उपचुनाव में मिली जीत ने कुछ निश्चिंत किया था, मगर मुरैना जिले के जौरा से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा की मौत से इस निश्चिंतता में फिर खलल पड़ गई है. विधायक बनवारी लाल शर्मा पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे. शनिवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने से उनका राजधानी में निधन हो गया. शर्मा की गिनती कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबियों में हुआ करती थी. शर्मा का अंतिम संस्कार रविवार को होगा, जिसमें सिंधिया सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे.कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 230 में से 114 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस तरह उसे पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. निर्दलीय चार, बसपा के दो और सपा के एक विधायक के समर्थन से कांग्रेस सरकार चला रही थी. भाजपा ने 109 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे विधायक गाहे बगाहे आंख दिखाते रहे. मगर झाबुआ के भाजपा विधायक जी. एस. डामोर के सांसद बन जाने से हुए उपचुनाव मे कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने जीत दर्ज कर कांग्रेस को मजबूती प्रदान की. इस तरह कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़कर 115 हो गई. वहीं भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 108 हो गई. झाबुआ उपचुनाव में जीत के बाद कमलनाथ सरकार का आत्मविश्वास बढ़ा था और इसका असर सरकार की कार्यशैली में भी नजर आने लगा था. शर्मा के निधन से कांग्रेस एक बार फिर खिसककर 114 पर आ गई है.