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क्या नवीन पटनायक से सत्ता छीन पाएगी बीजेपी? दोनों पार्टियों ने किया जीत का दावा

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लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान ही ओडिशा में 15 विधानसभा सीटों पर भी मतदान होना है। यहां पर 1 जून को लोकसभा चुनाव मतदान के दौरान की डाले जाएंगे। हालांकि मतदान पूरा होने से पहले ही यहां पर सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) और भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि पूर्ण बहुमत के साथ उनकी सरकार सत्ता में आ रही हैं। सीएम और बीजद के अध्यक्ष नवीन पटनायकcके उनकी पार्टी के ओडिशा में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा किया है। वहीं, दावा करने के एक दिन बाद ही उनकी करीबी साथी वी.के पांडियन ने रविवार को ऐलान किया था कि तीन चरणों में मतदान के बाद पार्टी जिन सीटों पर चुनाव लड़ रही है उनमें से हमारी 85 फीसदी सीट जीत हासिल करेगी। मीडिया से बात करते हुए वी.के पांडियन ने बताया कि बीजद चुनाव में भारी वोटों से दर्ज कर रही है साथ ही हमारी पार्टी 3 फेस में जिन-जिन सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ रही है उनमें से उनकी पार्टी 85 फीसदी सीटें जीत रही है।

बीजेपी का दावा सरकार बन रही है।
भारतीय जनता पार्टी की ओडिशा यूनिट के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता के.वी. सिंह देव ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए यह दावा किया कि इस बार भारतीय जनता पार्टी दो तिहाई सीटें जीतकर सरकार बनाएगी। वरिष्ठ नेता के.वी. सिंह देव आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव 2024 में ओडिशा में दो तिहाई बहुमत दर्ज कर सरकार बनाएगी। इसके लिए हम पहले ही पीएम नरेन्द्र मोदी को न्योता भेज दिया है। ओडिशा में बीजेपी की सरकार बनने में कोई संदेह नहीं है।

1 जून को चौथे फेस की वोटिंग
बता दें कि इस बार ओडिशा में 21 लोकसभा और 147 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहे हैं। यहां पर चार चरण में मतदान डाले जाएंगे। पहला चरण 13 मई, दूसरा चरण 20 मई, तीसरा चरण 25 मई को मतदान हो चुके हैं। अब अंतिम चरण में मतदान एक जून को डाले जाएंगे।

85 फीसदी सीटें पक्की-वी.के पांडियन
वी.के पांडियन से जब यह पूछा गया कि इस बार उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में कितनी सीटों की जीत की उम्मीद कर रही है, तो इसपर पांडियन ने साफ-साफ कोई आंकड़ा नहीं बताया है, लेकिन यह दावा जरूर किया है कि बीजद पार्टी इस बार 80 से 85 फीसदी सीटें वह आराम से जीत रहे हैं। साथ ही बीजू जनता दल नेता ने यह भी दावा किया कि पहले तीन चरण में उनकी पार्टी 105 सीटों पर जीत चुकी है और उन्होंने सरकार बनाने के लिए बहुमत पहले ही हासिल कर लिया है। साथ ही उन्होंने यह विश्वास जताया कि अंतिम चरण में उनकी पार्टी को और भी ज्यादा बहुमत मिलेगा। साथ ही पांडियन ने यह भी कहा कि भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद उनके साथ हैं और ओडिशा के लोग भी उनकी पार्टी को सपोर्ट कर रहे हैं। इसके बाद चौथे चरण के मतदान में उनकी पार्टी को और भी अधिक इसका फायदा मिलेगा।

ये है बीजेपी और बीजद के अलग होने का कारण
भाजपा नेताओं के अनुसार, नए विवाद की जड़ पूर्व नौकरशाह और नवीन पटनायक के काफी करीबी माने जाने वाले वी. के. पांडियन हैं। पांडियन तमिलनाडु के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले 20 साल से ओडिशा में नौकरी कर रहे थे। नवीन पटनायक के करीब आने के बाद उन्होंने नौकरी से छोड़ दी और राजनीति में आ गए। बीजद में उन्हें नंबर दो का दर्जा प्राप्त है। हाल ही में चुनाव आयोग ने उनकी आईएएस पत्नी का ट्रांसफर करवाने का आदेश दिया था। भारतीय जनता पार्टी ने पांडियन की पार्टी में सक्रियता और उनके बढ़ते कद को उड़िया अस्मिता से जोड़ना शुरू कर दिया। यहीं कारण हैं कि बीजेपी और बीजद ने गठबंधन को तोड़ कर अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है।