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बिजली बंद होने पर फॉल्ट की जांच कर रहे विभाग के लाइनमैन की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई

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बिजली बंद होने पर फॉल्ट की जांच कर रहे विभाग के लाइनमैन की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। कोयलीबेड़ा से बिजली बंद करने के बाद लाइनमैन बेफिक्र हो गया था। सुलंगी में लगे जिओ टावर के जनरेटर से रिवर्स करंट आने लगा और वह उसकी चपेट में आ गया। तत्काल करंट की सप्लाई बंद नहीं कर पाने के कारण तीन घंटे तक लाइनमैन की लाश खंभे में ही लटकी रही। जनरेटर से बिजली बंद करने के बाद लाश नीचे उतारी गई। सोमवार रात 8 बजे कोयलीबेड़ा से सिकसोड़ 11 केवी बिजली लाइन में फाॅल्ट आ गया था।

मरम्मत करने मंगलवार सुबह कोयलीबेड़ा से लाइनमैन किशुनराम दर्रो अपनी टीम के साथ निकला था। इस दौरान कोयलीबेड़ा का ऑपरेटर कोयलीबेड़ा से सिकसोड़ लाइन की बिजली सप्लाई भी बंद कर स्वयं लाइनमैन के साथ फाॅल्ट की खोजबीन करने गया था। फाॅल्ट तलाशते वे सुलंगी पहुंचे। फॉल्ट कहां से है, यह पता लगाने बीच से लाइन को अलग करने योजना बनाकर लाइनमैन सुबह 8 बजे एक खंभे में चढ़ गया। लाइनमैन को जानकारी थी कि कोयलीबेड़ा से बिजली सप्लाई बंद है। लापरवाही बरतते रबर के दस्ताने पहने बिना ही खंभे में चढ़ कर बैठ गया और जंफर काटने लगा। जैसे ही उसने जंफर को छुआ उसे झटका लगा और वह वहीं चिपक गया।

ऑपरेटर ने तत्काल कोयलीबेड़ा जेई से संपर्क कर जानकारी दी। इसके बाद लगा की कहीं कोयलीबेड़ा से किसी ने लाइन चालू नहीं कर दी, लेकिन वहां से लाइन बंद थी। अंतागढ़ संपर्क कर वहां से आ रही 33 केवी लाइन को बंद कराया गया। वहां से लाइन बंद होने की जानकारी मिलते ही अर्थिंग के लिए फिर से तार डाला गया, लेकिन तार जैसे एक पौधे को छुआ वह जलकर खाक हो गया। लाइन बंद होने के बावजूद करंट आने से विभाग भी परेशान हो गया और जांच में जुट गया।