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Paris Paralympics 2024: भाला फेंक में गोल्ड जीतने वाले नवदीप सिंह बोले, “कद छोटा है, पर काम बड़े होंगे”

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पेरिस पैरालंपिक में भाला फेंक की एफ41 स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले पानीपत के एथलीट नवदीप सिंह ने इतिहास रच दिया है। टोक्यो में चौथे स्थान से संतोष करने वाले नवदीप ने बताया कि उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि गुरुवार को सम्मान समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनसे कैप पहनने के लिए जमीन पर बैठ जाएंगे। थ्रो के बाद अपने गुस्से के लिए इंटरनेट मीडिया पर चर्चा का विषय बने नवदीप ने बताया कि भारत की जर्सी पहनते ही अपने आप जोश आ जाता है। स्वर्ण पदक विजेता एथलीट ने बताया कि उन्होंने नीरज चोपड़ा से प्रेरणा लेकर ही भाला फेंक शुरू किया था और तय किया था कि उनका कद छोटा है, पर वह उनके काम बड़े होंगे। अभिषेक त्रिपाठी ने नवदीप से विशेष बातचीत की, पेश हैं मुख्य अंश..

प्रधानमंत्री से भेंट कैसी रही? उस प्रसंग के बारे में बताइए जब प्रधानमंत्री कैप पहनने के लिए जमीन पर बैठ गए?

सभी एथलीटों को सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री ने घर पर बुलाया था। वहां उन्होंने हमें आगे के लिए प्रोत्साहित किया। मैंने सर को कैप गिफ्ट की। मैं सोच रहा था कि उन्हें पहनाऊं या कैसे कहूं लेकिन प्रधानमंत्री इतने सहज हैं। उन्होंने पता चल गया और उन्होंने कहा कि मैं नीचे बैठ जाता हूं और मैंने उन्हें कैप पहना दी। यह मेरे लिए बेहद चौंकाने वाला घटनाक्रम था। मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि प्रधानमंत्री ऐसा करेंगे, पर बहुत अच्छा लग रहा है कि सर ने हमें इतना सम्मान दिया। हमें उन्होंने देश का भविष्य कहकर संबोधित किया।

 

आप उन्हें टोपी पहनाने गए थे या सिर्फ देने गए थे?

 

भइया टोपी नहीं कैप कहिए (हम दोनों ही हंस दिए)। मुझे बहुत डर लग रहा था। मैं उन्हें कैप गिफ्ट करने गया था, लेकिन मन में इच्छा हुई कि उन्हें पहना दूं। पर अगर वह ले भी लेते तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात होती। हालांकि, उन्होंने जो किया वह उम्मीदों से काफी अधिक था। बहुत अच्छा लग रहा था।

 

प्रधानमंत्री ने भी जीतने के बाद आपके आक्रामक जश्न पर बात की। यह विराट कोहली से मिलता जुलता है इतनी आक्रामकता कैसे आती है?

जब मैं थ्रो कर रहा था तब मुझे नवदीप के नाम से कोई नहीं जान रहा था। उधर, मैं सिर्फ देश की जर्सी पहने हुए था और लोग मुझे केवल एक भारतीय एथलीट के रूप में जान रहे थे। मैं वहां भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा था। जब शरीर पर हर जगह इंडिया लिखा हो तो जोश अपने आप आ जाता है। उसके लिए कुछ करना नहीं पड़ता है वह स्वयं आ जाता है।