छत्तीसगढ़में आत्मनिर्भर गाँव के विकास को बढ़ावा देने के लिए गौठान का सशक्तिकरण आवश्यक है। गौठान के बनने से पशुधन को एकत्रित कर रखने की व्यवस्था हो गई है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से पशुधन को लोग ज्यादा सहेजने लगे हैं। इससे फसल की सुरक्षा भी हो रही है। कुछ किसानों का कहना कि उन्होंने काफी समय पहले ओन्हारी फसल ली थी। गौठान और गोधन न्याय योजना से मवेशियों से फसलंों की सुरक्षा का इंतजाम हुआ है । इस बार उन्होंने फिर से ओन्हारी फसल लगाई है। यह योजना खेती और पशुपालन की बेहतरी के लिए शानदार योजना है। साथ ही जैविक खेती को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने किसानों से खेतों में फसल अवशेष नहीं जलाने एवं गोठान में पैरा दान करने की अपील की है। इसी तारतम्य में जनपद पंचायत अम्बिकापुर के ग्राम सुखरी के किसान श्री राजदेव सिंह ने धान मिसाई के पश्चात बचे हुए पैरा का दान किया है। यह पैरा गोठान में पशुओं के चारा के रूप में सदुपयोग किया जाएगा। इसी तरह सोहगा, करजी, सकालो के साथ जिले के अन्य किसान भी पैरादान में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।