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महाराष्ट्र की महासियासत: जाहिर नहीं होने दे रहे पर दिग्गजों की झलकने लगी नाराजगी

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मुंबई। महाराष्ट्र की महासियासत फिलहाल थमती नहीं दिख रही है। यहां चुनावी जंग महायुति ने जीती है लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा? इसको लेकर कोई अधिकृत घोषणा नहीं की गई है। यहां के तीन दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस,अजित पवार और एकनाथ शिंद सीएम की आस लगाए हुए है। खबरें आ रहीं हैं देवेंद्र फडणवीस को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इन खबरों चलते ही सीएम एकनाथ शिंदे के समर्थकों में नाराजगी बढ़ी और भीड़ के साथ मुंबई आने की खबरें फैल गईं। इसके बाद खुद शिंदे ने अपने समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि मेरे घर पर एकत्रित न हों। वहीं दूसरी तरफ अजित पवार मामले को गंभीरता से समझ रहे हैं और फिलहाल न्यूट्रल हैं और देवेंद्र को पूरा यकीन है कि सीएम वे ही बनेंगे। कुल मिलाकर भीतर ही भीतर नाराजगी तो है,लेकिन उसे बाहर नहीं आने दे रहे हैं। जब भी सीएम तय होगा बगावत के सुर सुनाई देने की पूरी आशंका है। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर सस्पेंस बरकरार है। इसी बीच महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि कोई भी उनके आवास वर्षा या कहीं और समर्थन के लिए एकत्र न हों। शिंदे ने एक्स पर एक पोस्ट किया, इसमें उन्होंने कहा कि महायुति की बड़ी जीत के बाद राज्य में एक बार फिर हमारी सरकार बनने जा रही है। महायुति के रूप में हमने एक साथ चुनाव लड़ा और आज भी साथ हैं। मेरे प्रति प्रेम के कारण कुछ समूहों ने एक साथ मुंबई आने की अपील की है, मैं आपके प्यार के लिए बहुत आभारी हूं। हालांकि मैं किसी से भी इस तरह से एक साथ आने और मेरा समर्थन करने की अपील नहीं करता। एक बार फिर मेरा विनम्र अनुरोध है कि शिवसेना के कार्यकर्ता मेरे आवास वर्षा या कहीं और एकत्र न हों। महायुति एक मजबूत और समृद्ध महाराष्ट्र के लिए मजबूत रही है और आगे भी मजबूत रहेगी। खबरों के मुताबिक महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन महायुति की शानदार जीत के तुरंत बाद संभव लग रहा था, लेकिन शिवसेना के इस आग्रह के कारण यह थोड़ा टल गया है कि एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री बने रहें। चुनाव के नतीजे आने के बाद चर्चा थी कि विधानसभा में अपनी पार्टी को अब तक की सबसे ज्यादा सीटें दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले देवेंद्र फडणवीस सोमवार को ही शपथ ले लेंगे, लेकिन महायुति नेताओं के बीच अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण ऐसा नहीं हो सका। ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि दिल्ली पहुंचे फडणवीस, शिंदे और अजित पवार राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं, ताकि मुख्यमंत्री पद पर गतिरोध को दूर किया जा सके।